Fitch Ratings: भारत में आया आर्थिक सुधार, भारतीय अर्थव्यवस्था 8.7% की दर से बढ़ी; GDP अनुमान पर न‍िराश हुए लोग

Update: 2022-06-11 03:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Fitch Ratings: फिच रेटिंग्स ने आर्थ‍िक मोर्चे पर देश को एक अच्‍छी और एक बुरी खबर दी है. फिच रेटिंग्स की तरफ से शुक्रवार को दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटलुक को दो साल बाद न‍िगेट‍िव से स्‍टेबल कर दिया गया है. दरअसल, तेजी से हुए आर्थिक सुधार के बीच मध्यम अवधि के दौरान वृद्धि में गिरावट का जोखिम कम हो गया है.

भारत में आर्थिक सुधार आया
फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को 'बीबीबी-' पर कायम रखा. फिच रेटिंग्स की तरफ से कहा गया 'परिदृश्य में बदलाव हमारे इस विचार को प्रदर्श‍ित करता है क‍ि वैश्विक ज‍िंस कीमतों में तेजी के झटकों के बावजूद भारत में आर्थिक सुधार और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों में कमी के कारण मध्यम अवधि के दौरान वृद्धि में गिरावट का जोखिम कम हो गया है.'
पहले जीडीपी 8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद थी
दूसरी तरफ फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दिया है, जिसके पहले 8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी. वैश्विक जिंस कीमतों में तेजी के कारण महंगाई बढ़ने के चलते यह कटौती की गई. फिच ने कहा, 'भारत की अर्थव्यवस्था में कोविड-19 महामारी के झटके से ठोस सुधार देखने को मिल रहा है.'
भारतीय अर्थव्यवस्था 8.7% की दर से बढ़ी
पिछले फाइनेंश‍ियल ईयर में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी और देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई को चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है. फिच ने जोर देकर कहा कि भारत की मध्यम अवधि की वृद्धि संभावनाएं ठोस बनी हुई हैं. फिच ने कहा कि समकक्षों के मुकाबले भारत का मजबूत वृद्धि परिदृश्य रेटिंग के लिए एक प्रमुख सहायक कारक है.
रेटिंग एजेंसी ने कहा, 'हमें वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2026-27 के बीच लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है. यह सरकार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र में दबाव कम करने से प्रेरित है. फिर भी, आर्थिक सुधार और कार्यान्वयन की असमान प्रकृति को देखते हुए इस पूर्वानुमान के लिए चुनौतियां भी हैं.'

एजेंसी ने जून 2020 में भारत के परिदृश्य को 'स्थिर' से 'नकारात्मक' कर दिया. तब फिच ने कहा था कि कोविड-19 महामारी ने भारत के वृद्धि परिदृश्य को कमजोर कर दिया है. भारत की रेटिंग अगस्त 2006 के बाद से लगातार 'बीबीबी-' है, लेकिन परिदृश्य स्थिर से नकारात्मक के बीच बदलता रहा है.


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