फाइनेंस सेक्रेटरी ने दी बड़ी जानकारी, LIC का आईपीओ इस साल नहीं अब अगले वित्त वर्ष में आएगा, जानिए
LIC IPO को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने कहा कि लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन का विनिवेश अगले साल मार्च से जून के बीच में संभव है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन ने कहा कि लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन का डिसइन्वेस्टमेंट यानी LIC IPO इस वित्त वर्ष में संभव नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि एलआईसी का विनिवेश अगले साल मार्च से जून के बीच में संभव है. इसके अलावा एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के विनिवेश को लेकर उन्होंने कहा कि यह इस वित्त वर्ष में यह पूरा हो जाना चाहिए.
टीवी सोमनाथन ने कहा कि एयर इंडिया का विनिवेश बहुत जल्द हो जाएगा. यह अब एडवांस स्टेज में पहुंच चुका है. एलआईसी का विनिवेश होना निश्चित है. इसके लिए टाइम फ्रेम अगले साल मार्च से जून के बीच में होगा. बीपीसीएल का विनिवेश इस वित्त वर्ष में संभव है. उन्होंने कहा कि कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR) का विनिवेश इस वित्त वर्ष में संभव नहीं है. यह अगले वित्त वर्ष में होगा.
टैक्स कट की संभावना नहीं
टैक्स कट के मुद्दे पर टीवी सोमनाथन ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि टैक्सपेयर्स को टैक्स में कटौती जैसी कोई राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि हर कोई टैक्स कट के बारे में बात करना चाहता है, लेकिन सरकार ने इस महामारी में कितना खर्च किया है, इसकी बात नहीं की जा रही है.
इस तरह खर्च हुए हैं सरकार के पैसे
फूड सब्सिडी के तौर पर सरकार ने करीब 1 लाख करोड़ का खर्च किया है. 20 हजार करोड़ फर्टिलाइजर सब्सिडी के तौर पर खर्च किया गया है. 15 हजार करोड़ इमरजेंसी हेल्थ रिस्पॉन्स पर खर्च किया गया है. इसके अलावा राज्यों को 56 हजार करोड़ का फंड जारी किया गया है. इसके अलावा 2 लाख करोड़ के खर्च का खांका पहले ही तैयार किया जा चुका है. ऐसे में सरकार के लिए टैक्स रेट में राहत देना मुश्किल लग रहा है.
लीगल एडवाइजर के तौर पर सिरिल अमरचंद मंगलदास को चुना गया
बता दें कि LIC IPO के लिए सरकार ने सिरिल अमरचंद मंगलदास को कानूनी सलाहकार के रूप में चुना है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. चार विधि कंपनियों….क्रॉफोर्ड बायले, सिरिल अमरचंद मंगलदास, लिंक लीगल और शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी ने 24 सितंबर को निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया था.
वित्तीय बोली खोलने से पहले तकनीकी बोलियों का विश्लेषण
इधर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को कहा कि एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है और वित्तीय बोलियां खोलने से पहले तकनीकी बोलियों का विश्लेषण किया जा रहा है. हालांकि, उन्होंने कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी के लिए प्राप्त बोलियों की संख्या के बारे में विस्तार से बताने से इनकार किया. नागर विमानन मंत्री ने कहा, ''हमें तकनीकी बोलियां और वित्तीय बोलियां प्राप्त हुई हैं जो सीलबंद लिफाफों में हैं. फिलहाल तकनीकी बोलियों की समीक्षा की जा रही है, जिसके बाद ही वित्तीय बोलियां खोली जाएंगी.''