वित्त मंत्री सरकारी बैंक के प्रमुखों के साथ अगले हफ्ते करेंगी बैठक, इन मुद्दों की होगी समीक्षा
सूत्रों के मुताबिक, दो दिवसीय बैठक 17 नवंबर से शुरू होगी और इसमें अलग-अलग क्षेत्रों की व्यापक समीक्षा और आत्मानिर्भर भारत अभियान सहित सरकारी योजनाओं में डेवलपमेंट की समीक्षा की जाएगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) अगले सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी. इस बैठक में लेंडर्स के प्रदर्शन और कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) से पस्त अर्थव्यवस्था का समर्थन करने में बैंकों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी. सूत्रों ने कहा कि बैंकों से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में तेजी लाने के लिए उत्पादक क्षेत्रों के लिए लोन मंजूर करने का आग्रह किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक, दो दिवसीय बैठक 17 नवंबर से शुरू होगी और इसमें अलग-अलग क्षेत्रों की व्यापक समीक्षा और आत्मानिर्भर भारत अभियान (Aatmanirbhar Bharat Abhiyan) सहित सरकारी योजनाओं में डेवलपमेंट की समीक्षा की जाएगी.
बैठक में ये होंगे शामिल
बैंक प्रमुखों के अलावा अलग-अलग मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी भी बैठक में हिस्सा लेगें और बैंकों के साथ प्रमुख मुद्दों को उजागर करने और प्रक्रिया को सुगम बनाने के तरीके सुझाएंगे. इसके अलावा वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) द्वारा आयोजित की जाने वाली इस बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर मंत्रालयों, कृषि और संबद्ध विभागों के बड़े अधिकारी भी शामिल होंगे.
31 अक्टूबर तक मंजूर किए 63574 करोड़ रुपये के लोन
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब बैंक अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्र में लोन देने को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रम चला रहे हैं. 16 अक्टूबर को सरकार के राष्ट्रव्यापी Credit Outreach कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से, बैंकों ने 31 अक्टूबर तक देश भर में आयोजित 10,580 शिविरों के माध्यम से कुल 63,574 करोड़ रुपये के 13.84 लाख लोन मंजूर किए हैं.
वित्त मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 3.2 लाख लाभार्थियों को बिजनेस लोन में 21,687.23 करोड़ रुपये मंजूर किए गए, जबकि 4,560,39 करोड़ रुपये के व्हीकल लोन 59,090 उधारकर्ताओं को स्वीकृत किए गए.
बैठक में बैंकिंग सेक्टर का जायजा लेने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि आरबीआई (RBI) द्वारा घोषित 2.0 योजना के पुनर्गठन पर डेवलपमेंट और बैठक के दौरान 4.5 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) की भी समीक्षा की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, वित्त मंत्री से बैड लोन या नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) की स्थिति का जायजा लेने और बैंकों द्वारा वसूली के विभिन्न उपायों पर चर्चा करने की उम्मीद है.