वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया बजट, गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति पर फोकस
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच बजट पेश कर दिया है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ती हुई और बड़ी है। हमने पिछले 10 सालों में दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा, "हमारा फोकस 'ज्ञान' (जीवाईएएन) यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति पर है। इसके साथ ही स्वास्थ्य, मैन्युफैक्चरिंग और मेकिंग इंडिया, रोजगार और इनोवेशन पर हमारा ध्यान केंद्रित है। साथ ही कृषि और निर्यात पर हम काम कर रहे हैं, हमारा उद्देश्य विकसित भारत बनाने पर है। पीएम मोदी के नेतृत्व में इकोनॉमी को गति देंगे। ये विकसित भारत का बजट है।"
उन्होंने किसानों के लिए 'धनधान्य योजना' का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, "किसानों के लिए प्रधानमंत्री धनधान्य योजना शुरू की जाएगी। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख की गई है।"
उन्होंने कहा, "यह बजट सरकार के विकास को बढ़ाने, सभी के डेवलपमेंट, मिडिल क्लास की क्षमता को बढ़ाने के लिए समर्पित है। हमने इस सदी के 25 साल पूरे करने जा रहे हैं। हमारी विकसित भारत की उम्मीदों ने हमें प्रेरणा दी है।"
निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा, "हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पिछले 10 वर्षों में हमारे विकास के ट्रैक रिकॉर्ड और ढांचागत सुधारों ने विश्व का ध्यान हमारी ओर खींचा है। इस अवधि के दौरान, भारत की योग्यता और सामर्थ्य में भरोसा बढ़ता गया है। अगले 5 वर्षों को हम सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास में तेजी लाते हुए 'सबका विकास' को साकार करने के अद्वितीय अवसर के रूप में देखते हैं।"
वित्त मंत्री ने कहा, "मेक इन इंडिया, इम्प्लॉयमेंट और इनोवेशन, एनर्जी सप्लाई, स्पोर्ट्स का डेवलपमेंट, एमएसएमई का विकास हमारी विकास यात्रा में शामिल हैं और इसका ईंधन रिफॉर्म्स हैं। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद की संभावना है। ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण राज्यों की भागीदारी से शुरू किया जाएगा। कौशल, निवेश से कृषि में रोजगार का सुधार होगा। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में विकल्प पैदा करना है। युवा किसानों, ग्रामीण महिलाओं, और छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा।"
उन्होंने आगे बताया, "खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार राष्ट्रीय तेल मिशन को चला रही है। 10 साल पहले हमने ठोस प्रयास किए थे और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है। अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है। इसका विवरण दिया गया है। केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से 4 साल के दौरान सभी दलहन खरीदी जाएंगी।"