धान बेचने की तैयारी कर रहे किसान जरूर पढ़ें ये खबर

एक अक्टूबर से 28 फरवरी तक चलेगी खरीद

Update: 2021-09-25 13:22 GMT

उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो रही है. पिछले कई सीजन से धान खरीद में हेराफेरी की खबरें आती रही हैं. इसे लेकर प्रदेश सरकार इस बार सख्त है. प्रदेश में अब किसान धान बेचने के लिए पंजीकरण उसी नंबर से करा पाएंगे जो उनके बैंक और आधार कार्ड से लिंक होगा. अगर दूसरा कोई नंबर दिया तो रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है.


धांधली रोकने के लिए उठाए गए कदम
धान खरीद में हेराफेरी को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कई तरह के जतन कर रही है. इसी तरह अब किसान अपने परिवार के उसी व्यक्ति को नामित कर सकता है जिसे वा कानूनी रूप से सिद्ध कर सकेगा. अब किसान कोई भी मोबाइल नंबर रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएंगे. ऐसा कई बार देखा गया था किसान की जगह कोई और उपज बेचने चला जाता है. इस धांधली को रोकने के लिए ऐसा किया गया है. ऐसे में अगर किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के समय कोई दूसरा नंबर डाला हो तो उसे बदलना होगा.

एक अक्टूबर से 28 फरवरी तक चलेगी खरीद
मंडियों में सरकारी दर पर धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी जो 28 फरवरी तक चलेगी. लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर तथा सम्भाग बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी जनपद में 1 अक्टूबर से 31 जनवरी 2022 तक जबकि लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में 01 नवंबर से धान की खरीद शुरू होगी जो 28 फरवरी 2022 तक चलेगी.

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने 15 सितंबर को मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत खरीफ विपणन वर्ष (KMS) 2021-22 में लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए धान क्रय नीति निर्धारित किया है. केंद्र सरकार ने 2021-22 में कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1,940 रुपए और ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1,960 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है. प्रदेश सरकार इस सीजन में 70 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है. सभी खरीद केंद्रों की केंद्रों रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेण्टर के माध्यम से जियो टैगिंग की जाएगी. यूपी में वर्ष 2020-21 में 59.41 लाख हेक्येटर में धान की खेती हुई थी.


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