Emergency Credit : MSMEs के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की बढ़ी समयसीमा
सरकार ने MSMEs को आसान शर्त पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए लायी गई इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की समयसीमा को एक माह के लिए बढ़ा दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने MSMEs को आसान शर्त पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए लायी गई इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की समयसीमा को एक माह के लिए बढ़ा दिया है। इसकी वजह यह है कि यह स्कीम अब तक तीन लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रही है। इस स्कीम की मियाद अक्टूबर के आखिर तक के लिए थी। कोरोनावायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते पैदा हुई दिक्कतों को कम करने और MSME सहित विभिन्न सेक्टर्स को कर्ज उपलब्ध कराने के लिए इस स्कीम की शुरुआत हुई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत इस स्कीम की घोषणा की थी।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस स्कीम की समयसीमा को 30 नवंबर या तीन लाख करोड़ रुपये के लोन स्वीकृत होने तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इकोनॉमिक के विभिन्न सेक्टर्स को खोलने और मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान मांग में बढ़ोत्तरी की उम्मीद के बीच यह कदम उठाया गया है।
इस बयान में कहा गया है, ''समयसीमा बढ़ाए जाने से ऐसे बॉरोअर्स को और मौका मिलेगा, जिन्होंने इस स्कीम के तहत क्रेडिट प्राप्त करने के लिए अब तक इस स्कीम का लाभ नहीं उठाया है।''
ECLGS पोर्टल पर संबंधित लेंडर्स एवं अन्य लेंडिंग इंस्टीच्युशन्स की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक अब तक 60.67 लाख बॉरोअर्स के लिए 2.03 लाख करोड़ रुपये की राशि को स्वीकृति दी गई है। वहीं, 1.48 लाख करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।
इस स्कीम के तहत MSMEs, बिजनेस एंटरप्राइजेज, कारोबार के लक्ष्य के साथ व्यक्तिगत ऋण लेने वालों और मुद्रा लोन लेने वालों को 29 फरवरी, 2020 तक की क्रेडिट आउटस्टैंडिंग की 20 फीसद तक की राशि लोन के रूप में मिल सकती है।
इस स्कीम के तहत बैंक और वित्तीय संस्थाओं के लिए ब्याज की दर को 9.25 फीसद और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए 14 फीसद पर सीमित कर दी गई है।
यह लोन चार साल के लिए मिल सकता है। वहीं, एक साल तक मूलधन के भुगतान पर मोरेटोरियम मिल सकता है।