क्रूड ऑयल में फिर लगी आग! रूस-यूक्रेन जंग का असर, IEA ने जारी की ये चेतावनी
नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) से कच्चा तेल भड़क उठा है. ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) के भाव बढ़कर 110 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गए हैं. इस बीच अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने दुनिया में एनर्जी संकट बढ़ने की चेतावनी दी है.
एक्सपर्ट ने पहले ही आशंका जताई थी कि कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल आ सकता है. बुधवार सुबह ही ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 5 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया और 110.54 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया. डब्ल्यूटीआई (WTI) भी 5 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 108 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल गया.
युद्ध की वजह से रूस से क्रूड ऑयल की सप्लाई पर असर पड़ा और कीमतों में अचानक 7 फीसदी का उछाल आ गया, जिससे क्रूड के भाव 2014 के बाद सबसे ऊंचाई पर पहुंच गए. ग्लोबल एग्रीमेंट के अनुसार कच्चे तेल की सप्लाई नहीं हो पा रही है. जापान, अमेरिका सहित IEA के सदस्यों ने अपने रिजर्व में से 6 करोड़ बैरल तेल जारी करने की तैयारी की है, लेकिन यह एक दिन के तेल खपत से भी कम है.
IEA ने कहा है कि ऑयल रिजर्व से भी तेज जारी होने के बाद कीमतों पर खास असर नहीं दिख रहा. ऐसे ही बढ़ोतरी होती रही तो दुनियाभर में ऊर्जा संकट पैदा हो सकता है. अमेरिका ने अपने रिजर्व में से 3 करोड़ बैरल तेल बाजार में जारी किया है. हालांकि, जिस तरह दुनियाभर में तेल की खतप बढ़ रही, रिजर्व में रखे तेल इसके लिए काफी नहीं होंगे. कोरोना महामारी से पहले दुनियाभर में रोजाना 10 करोड़ बैरल तेल की खपत हो रही थी.
ग्लोबल फर्म Goldman Sachs, Morgan Stanley और JPMorgan ने क्रूड ऑयल कीमतों पर भविष्यवाणी की है. इन एजेंसियों का कहना है कि क्रूड के दाम जल्द ही 150 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर सकते हैं. हालांकि, रूस ने अपने क्रूड के दाम रिकॉर्ड स्तर तक घटा दिए हैं, लेकिन अमेरिका और यूरोप की ओर से लगे प्रतिबंधों की वजह से कोई भी उसे खरीद नहीं रहा.
ऑयल ट्रेडर्स से जुड़े सूत्रों का कहना है कि खाड़ी देशों में क्रूड उत्पादन का प्रमुख देश Saudi Arabia अप्रैल में अपने एशियाई देशों को रिकॉर्ड कीमत पर कच्चा तेल बेच सकता है. सऊदी अरब का लाइट क्रूड ऑयल 4.50 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकता है. कई रिफाइनरियों ने इसके 1.50 डॉलर से 2.20 डॉलर तक बढ़ने का अनुमान लगाया है.