पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात का असर, हरे निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और अमेरिका के लिए "कुछ अद्भुत ट्रेड डील्स" को लेकर किए गए ऐलान के बाद शुक्रवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक में तेजी रही।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 279.95 अंक या 0.37 प्रतिशत बढ़कर 76,418.92 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 84 अंक या 0.36 प्रतिशत चढ़कर 23,115.40 पर था। निफ्टी बैंक 196.75 अंक या 0.40 प्रतिशत बढ़कर 49,556.60 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 133 अंक या 0.26 प्रतिशत चढ़कर 51,014.20 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 20.25 अंक या 0.13 प्रतिशत गिरने के बाद 15,953.60 पर था।
असित सी. मेहता इन्वेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स लिमिटेड के ऋषिकेश येदवे ने कहा, "निफ्टी 50 ने डेली स्केल पर एक 'रेड कैंडल' फॉर्म की है, जो हाई लेवल पर बिक्री दबाव की ओर इशारा करता है। 21-डेज सिंपल मूविंग एवरेज 23,270 पर रखा गया है, जो 23,270-23,300 जोन को एक मजबूत बाधा बनाता है। नीचे की ओर, 22,780 एक सपोर्ट लेवल के रूप में काम करेगा। उन्होंने व्यापारियों को सलाह दी कि जब तक सूचकांक 22,780 पर बना रहे, तब तक वे गिरावट पर खरीद की रणनीति अपनाएं।
इस बीच, सेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, एमएंडएम, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, इंफोसिस और बजाज फाइनेंस टॉप गेनर्स रहे। वहीं, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप लूजर्स रहे। पिछले कारोबारी सत्र में अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए, डाउ जोंस 0.77 प्रतिशत बढ़कर 44,711.43 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.04 प्रतिशत बढ़कर 6,115.07 पर और नैस्डैक 1.50 प्रतिशत चढ़कर 19,945.64 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में जकार्ता, चीन, सोल, बैंकॉक और हांगकांग हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि जापान लाल निशान में कारोबार कर रहा था। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 13 फरवरी को लगातार सातवें दिन इक्विटी बेचना जारी रखा, जिसमें 2,789.91 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची गई, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 2,934.50 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
चॉइस ब्रोकिंग के आकाश शाह के अनुसार, निवेशक आगे की बाजार दिशा का अनुमान लगाने के लिए वैश्विक बाजार के रुझान, कच्चे तेल की कीमतों और संस्थागत प्रवाह पर बारीकी से नजर रखेंगे।