खाद्य तेल और तिलहन की कीमतों में सुधार, देखें बाजार के ताजा भाव
हल्के तेल की मांग बढ़ने से बिनौला तेल के भाव में भी सुधार देखने को मिला. सामान्य कारोबार के बीच बाकी तेल तिलहन के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मलेशिया एक्सचेंज में शुक्रवार की तेजी और सीपीओ के मुकाबले सस्ता होने के कारण पामोलीन तेल की कीमतों में सुधार देखने को मिला है. मंडियों में सोयाबीन की आवक कम होने और प्लांट वालों की मांग के कारण सोयाबीन तेल तिलहन में सुधार आया है. मूंगफली तेल तिलहन की स्थानीय मांग होने से मूंगफली के भाव भी सुधार के साथ बंद हुए. बाकी तेल तिलहनों के भाव पुराने स्तर पर ही बने रहे.
बाजार सूत्रों ने कहा कि बिनौला बीज के भाव महंगा होने और मंडियों में आवक कम होने से बिनौला तेल कीमत में सुधार का रुख रहा जबकि सामान्य कारोबार के बीच सरसों तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए.
सीपीओ से पामोलीन बनाने में आता है ज्यादा खर्च
सूत्रों ने कहा कि सीपीओ की मांग नहीं है और इसे आयात कर पामोलीन बनाने का खर्च काफी महंगा बैठता है. इसके मुकाबले पामोलीन काफी सस्ता है और आयातक सीधा पामोलीन की खरीद कर रहे हैं. सीपीओ की मांग बेहद कमजोर है जिससे सीपीओ के भाव पहले जैसे ही रहे, जबकि पामोलीन की मांग होने से इसमें सुधार आया.
हल्के तेल की मांग बढ़ने से बिनौला तेल के भाव में भी सुधार देखने को मिला. सामान्य कारोबार के बीच बाकी तेल तिलहन के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ.
बाजार में थोक भाव (रुपये प्रति क्विंटल) इस प्रकार रहे
सरसों तिलहन- 7975-8025 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये.
मूंगफली- 5725-5810 रुपये.
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12700 रुपये.
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1860-1985 रुपये प्रति टिन.
सरसों तेल दादरी- 16000 रुपये प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 2390-2515 रुपये प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 2570-2680 रुपये प्रति टिन.
तिल तेल मिल डिलिवरी- 16700-18200 रुपये.
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12800 रुपये.
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12430 रुपये.
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11350
सीपीओ एक्स-कांडला- 10720 रुपये.
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11500 रुपये.
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12200 रुपये.
पामोलिन एक्स- कांडला- 11150 (बिना जीएसटी के).
सोयाबीन दाना- 6500-6550 रुपये
सोयाबीन लूज- 6300-6350 रुपये
मक्का खल (सरिस्का)- 3850 रुपये
सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन की आवक मंडियों में काफी कम है क्योंकि किसान सस्ते में बिकवाली करने से बच रहे हैं और मंडियों में आवक काफी कमजोर है. सोयाबीन दाना की कमी की वजह से प्लांट वाले अपनी पेराई क्षमता के 30-35 प्रतिशत क्षमता का ही उपयोग कर पा रहे हैं. सोयाबीन की किल्लत के बीच सोयाबीन तेल तिलहन के भाव में सुधार दिखा.