ED: 700 करोड़ रुपये के शेयर, जेल में बंद है चेयरमैन सी पार्थसारथी
प्रवर्तन निदेशालय ने केएसबीएल के चेयरमैन और एमडी सी पार्थसारथी और उनके परिवार द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रखे गए 700 करोड़ रुपये के शेयर फ्रीज कर लिए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पीएमएलए के तहत बैंक धोखाधड़ी मामले में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) के छह स्थानों पर छापा मारने के बाद कंपनी के चेयरमैन सी पार्थसारथी और उनके परिवार द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रखे गए 700 करोड़ रुपये के शेयर फ्रीज कर लिए हैं। यानी इन शेयरों के लेन-देन पर लगाई रोक लग गई है। सी पार्थसारथी पिछले महीने तेलंगाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद फिलहाल हैदराबाद की चंचलगुडा जेल में बंद है।
कई आपत्तिजनक सबूत जब्त
22 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में कई जगहों पर छापा मारा था। यह कार्रवाई केएसबीएल के चेयरमैन और एमडी सी पार्थसारथी का बयान दर्ज करने के बाद हुई। एजेंसी ने कहा कि मामले में संपत्ति के दस्तावेज, व्यक्तिगत डायरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ईमेल डंप आदि के रूप में कई आपत्तिजनक सबूत जब्त किए गए हैं और उनका विश्लेषण किया जा रहा है।
मामले में पता चला कि सी पार्थसारथी निजी सौदों के माध्यम से समूह की कंपनियों में अपने शेयरों को बंद करने की कोशिश कर रहा है और इस प्रकार, आगे की जांच तक ईडी ने 24 सितंबर को एक फ्रीजिंग आदेश जारी किया। 2019-20 के मूल्यांकन के अनुसार इन शेयरों का मूल्य 700 करोड़ रुपये है। कार्वी समूह के ये शेयर 'प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से' सी पार्थसारथी, उनके पुत्र रजत पार्थसारथी और अधिराज पार्थसारथी व उनकी संस्थाओं द्वारा रखे गए हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
एजेंसी ने हैदराबाद पुलिस की सेंट्रल क्राइम स्टेशन (सीसीएस) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था। इंडसइंड बैंक ने कार्वी के खिलाफ सीसीएस के डिटेक्टिव विभाग (डीडी) में मामला दर्ज कराया था। इसमें आरोप लगाया था कि कार्वी ने बैंक से 137 करोड़ रुपये का क्रेडिट लिया था लेकिन उसने इस पैसे का इस्तेमाल अपने और संबंधित कारोबारी कंपनियों में किया।
सीसीएस ने इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक और क्लाइंट से धोखाधड़ी के लिए चार मामले दर्ज किए हैं। एचडीएफसी ने 359 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इस मामले में पार्थसारथी समेत दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।