दिल्ली: चीनी स्मार्टफोन निर्माता शाओमी कॉर्प की भारत में सक्रिय इकाई ने अपने बैंकर डॉयच बैंक को रॉयल्टी भुगतान के नाम पर गुमराह किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में इसका खुलासा किया है। ईडी के मुताबिक, शाओमी इंडिया ने रॉयल्टी की आड़ में अमेरिकी चिप फर्म क्वालकॉम और अन्य को अवैध राशि हस्तांतरित की। जबकि, उसके पास समझौते के कोई दस्तावेज नहीं हैं। ईडी ने शाओमी के 67 करोड़ अमेरिकी डॉलर के बैंक जमा को सीज कर लिया है। हालांकि, शाओमी ने किसी अनियमितता से इन्कार किया है। कंपनी ने कोर्ट में बैंक जमा को सीज करने के कदम को चुनौती दी है। भारत में शाओमी के फ्रीज किए गए चार में से एक खाता डॉयच बैंक में है।
सात को कोर्ट में सुनवाई: शाओमी ने ईडी पर भारतीय बाजार में कारोबार बंद कराने का आरोप लगाया है। अदालत ने अक्तूबर में शाओमी को राहत देने से इन्कार कर दिया था। मामले की अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी। सीएफओ-एमडी ने मानी गलती : ईडी ने बताया, जांच के दौरान शाओमी इंडिया के सीएफओ समीर बीएस राव और तत्कालीन एमडी मनु कुमार जैन ने स्वीकार किया कि क्वालकॉम से कोई समझौता नहीं हुआ था। रॉयल्टी का भुगतान चीन में बैठे शीर्ष अधिकारियों से प्राप्त निर्देशों के आधार पर किया था।
बैंक से बोला था झूठ: ईडी ने कोर्ट में बताया, डॉयच बैंक के इंडिया एग्जीक्यूटिव ने अप्रैल में बताया था कि भारतीय कानून के अनुसार, रॉयल्टी भुगतान के लिए शाओमी इंडिया और क्वालकॉम के बीच कानूनी समझौता होना बहुत जरूरी है। शाओमी ने पहले दावा किया था कि उसके पास दस्तावेज हैं। हालांकि, बाद में कुछ गोपनीयता कारणों का हवाला देकर दस्तावेज साझा नहीं किए।