आर्थिक गतिविधियां ने पकड़ी रफ्तार, महामारी से पहले के स्तर पर लौटी डीजल की मांग
भारत में आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं। इस साल अक्तूबर महीने में 15 दिनों में डीजल की मांग ...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारत में आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं। इस साल अक्तूबर महीने में 15 दिनों में डीजल की मांग में 8.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इस तरह से पेट्रोल के बाद अब डीजल की मांग भी कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर लौट आई है। उद्योग जगत के आंकड़ों से इसका पता चला है।
सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है डीजल
डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है। यह कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में मार्च में लगाए गए लॉकडाउन के बाद डीजल की बिक्री में इस साल की पहली सालाना वृद्धि है। महामारी के बाद लोग निजी वाहनों को अधिक तरजीह देने लगे हैं। इस कारण पेट्रोल की मांग में डीजल की तुलना में बेहतर सुधार आया है।
1.5 फीसदी बढ़ी पेट्रोल की बिक्री
एक अक्तूबर से 15 अक्तूबर के दौरान के आंकड़ों में अनुमान से बेहतर सुधार देखने को मिला है। पेट्रोल की मांग पिछले महीने कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर आ गई थी। इन 15 दिनों के दौरान पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 1.5 फीसदी बढ़कर 9,82,000 टन पर पहुंच गई। यह बिक्री साल भर पहले की समान अवधि में 9,67,000 टन और सितंबर के पहले पखवाड़े में 9,68,000 टन थी।
इतनी रही विमानन ईंधन एटीएफ की मांग
भारत में 25 मार्च को लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से मांग में अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिली थी। अप्रैल महीने में ईंधन की मांग 49 फीसदी तक गिर गई थी। इस दौरान विमानन ईंधन एटीएफ की मांग साल भर पहले की तुलना में 57 फीसदी नीचे 1,35,000 टन पर आ गई। हालांकि यह एक महीने पहले के 1,30,000 टन से 2.5 फीसदी अधिक है।
रसोई गैस की बिक्री में भी तेजी
इस दौरान रसोई गैस (एलपीजी) की बिक्री 11.6 लाख टन रही, जो साल भर पहले की तुलना में सात फीसदी और महीने भर पहले की तुलना में तीन फीसदी अधिक है।