डाक निर्यात केंद्र से ई-कामर्स निर्यात को मिल रहा प्रोत्साहन, छोटे कारोबारियों को भी डाकघर कर रहा मदद
देश के विभिन्न शहरों में डाक निर्यात केंद्र खुलने से अब छोटे निर्यातकों को निर्यात करने में काफी आसानी हो रही है। इसकी सबसे मुख्य वजह है कि छोटे निर्यातकों को विदेश में माल भेजने के लिए अब कस्टम क्लीयरेंस के लिए कस्टम विभाग का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है। डाक निर्यात केंद्र में ऑनलाइन ही उन्हें कस्टम क्लीयरेंस की सुविधा मिल जा रही है। इस साल अप्रैल से लेकर अब तक देश भर में 700 डाक निर्यात केंद्र खोले जा चुके हैं।
डाक विभाग ने इस साल के अंत तक 1000 डाक निर्यात केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। डाक विभाग के मुताबिक, खिलौना, स्पोर्ट्स गुड्स, चाय, कॉफी जैसे सामान का डाक निर्यात केंद्र से काफी अधिक निर्यात शुरू हो गया है। मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल मंजू कुमार ने सोमवार को विश्व डाक दिवस के अवसर पर बताया ई-निर्यातकों को पार्सल बुक करने के लिए भी डाक घर आने की जरूरत नहीं है। वे अपने कार्यालय या यूनिट से ही पार्सल बुकिंग कर सकते हैं और डाक विभाग उनके पार्सल को कलेक्ट कर लेगा।
ई-निर्यात के जरिए भेजा जा सकता है अधिकतम किग्रा का समान
उन्होंने बताया कि ई-निर्यात के जरिए अधिकतम 35 किलोग्राम का सामान भेजा जा सकता है। माल भेजने के लिए अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग शुल्क हैं। ई-निर्यात वाले सामान के ट्रैकिंग के लिए 40 देशों के साथ समझौता किया गया है। कुमार ने बताया कि घरेलू स्तर के कारोबारी भी डाक विभाग की मदद से ई-कामर्स से जुड़ा कारोबार कर सकते हैं। डाक विभाग की बुक नाऊ पे लैटर स्कीम के जरिए कोई भी कारोबारी डाक विभाग के साथ समझौता कर देश भर में कहीं भी अपने सामान को भेज सकता है।
महिला सम्मान बचत स्कीम में 18 लाख से अधिक खाते
चीफ पोस्ट मास्टर जनरल ने बताया कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लाई गई महिला सम्मान बचत योजना के तहत देश भर में अब तक 18,08710 खाते खोले जा चुके हैं जिसमें 11,546 करोड़ रुपए जमा है। इस साल बजट में महिला सम्मान बचत स्कीम लाने की घोषणा की गई थी।