महामारी के दौरान, रेलवे को 36,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ, केवल मालगाड़ियां ही कर सकीं कमाई

कोरोना वायरस की वजह से भारतीय रेलवे को काफी नुकसान हुआ है. इस दौरान रेलवे को 36,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. हालांकि, केवल मालगाड़ियां ही राजस्व उत्पन्न कर रही हैं.

Update: 2021-08-23 03:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के दौरान रेलवे की सेवाएं बंद होने से भारतीय रेलवे (Indian Railways) को करोड़ों का नुकसान हुआ है. रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे (Raosaheb Danve) ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के दौरान रेलवे को 36,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने मालगाड़ियों को राष्ट्रीय परिवाहक के लिए वास्तविक रूप से राजस्व उपलब्ध कराने वाला करार दिया.

उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे (Mumbai-Nagpur Expressway) के साथ एक बुलेट ट्रेन परियोजना (Bullet Train Project) को क्रियान्वित किया जाएगा, जो वर्तमान में निर्माणाधीन है.
रेलवे को हुआ 36 हजार करोड़ रुपए का नुकसान
दानवे जालना रेलवे स्टेशन ((Jalna railway station) ) पर एक अंडरब्रिज के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यात्री ट्रेन खंड हमेशा घाटे में चलता है. चूंकि टिकट का किराया बढ़ने से यात्रियों पर असर पड़ता है, इसलिए हम ऐसा नहीं कर सकते.
महामारी के दौरान, रेलवे को 36,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. केवल मालगाड़ियां ही राजस्व उत्पन्न करती हैं. महामारी के दौरान, इन ट्रेनों ने माल ढोने और लोगों को राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
बुलेट ट्रेन
बुलेट ट्रेन को लेकर उन्होंने कहा कि यह परियोजना मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के साथ शुरू की जाएगी क्योंकि यह लोगों के लिए आवश्यक है. दानवे ने कहा कि रेलवे ने 'वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर' (Western Dedicated Freight Corridor project) परियोजना शुरू की गई है, जो नवी मुंबई को दिल्ली (Navi Mumbai to Delhi) से जोड़ेगी.
उन्होंने नांदेड़ और मनमाड स्टेशनों (Nanded and Manmad stations) के बीच पटरियों के दोहरीकरण का आश्वासन दिया और कहा कि वह जांच करेंगे कि जालना-खामगांव रेलवे लाइन (Jalna-Khamgaon railway line) व्यवहार्य है या नहीं.
प्राइवेट ट्रेनों के लिए नए सिरे से टेंडर मंगाएगा रेल मंत्रालय
देश में तेजस एक्सप्रेस की तरह कई सारी प्राइवेट ट्रेनें चलाए जाने को लेकर रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है. रेल मंत्रालय इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है. रेलवे में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय ने फैसला लिया है कि प्राइवेट ट्रेनों के संचालन के लिए नए सिरे से टेंडर मंगाए जाएंगे.


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