DMart ने जुटाया तीसरी तिमाही में 9,065 करोड़ रुपये का रेवेन्यू , जानिए राधाकिशन दमानी के बारे में
DMart ने जुटाया तीसरी तिमाही में 9065 करोड़ रुपये का रेवेन्यू
भारत में सबसे बड़ी रिटेल चैन में से एक DMart को दिसंबर 2021 में खत्म होने वाली तिमाही में 9,065 करोड़ रुपये का स्टैंडअलोन रेवेन्यू की कमाई हुई है. यह पिछले साल की समान तिमाही में 5,218 करोड़ रुपये के रेवेन्यू से 46 फीसदी की बढ़ोतरी है.
DMart ने एक फाइलिंग में कहा कि 31 दिसंबर 2021 को खत्म होने वाली तिमाही में ऑपरेशंस से कंपनी का स्टैंडअलोन रेवेन्यू को अभी कंपनी के ऑडिटर्स द्वारा लिमिटेड रिव्यू किया जाएगा.
31 दिसंबर 2021 की तारीख पर, कंपनी के कुल स्टोर्स की संख्या 263 है, जिसमें पिछली तिमाही के मुकाबले 17 स्टोर्स की बढ़ोतरी हुई है. शुक्रवार को, DMart के शेयर, 0.55 फीसदी की तेजी के साथ NSE पर 4,665 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए हैं. शेयरों में साल 2021 में 60 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गई है.
शेयर में बड़ी तेजी का मतलब है कि DMart के निवेशक-प्रमोटर राधाकृष्ण एस दमानी साल 2021 में टॉप 100 वैश्विक अरबपतियों के बड़े क्लब में शामिल हो गए हैं.
दमानी मुंबई में स्थित एक सिंगल कमरे के अपार्टमेंट में बड़े हुए थे. और अब वे ब्लूमबर्ग बिलिनेयर्स इंडैक्स पर 24.6 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ 63वें पायदान पर मौजूद हैं. इंडैक्स दुनिया के सबसे अमीर लोगों की रोजाना रैंकिंग दिखाता है.
राधाकिशन दमानी के बारे में
D-Mart कंपनी के मालिक राधाकिशन दमानी हैं जिनका नाम भारत के सबसे अमीर व्यवसायियों में शामिल है. दमानी को स्टॉक मार्केट इनवेस्टर, स्टॉक ब्रोकर, ट्रेडर और डी-मार्ट कंपनी के फाउंडर के रूप में जाना जाता है. दमानी ने एक मामूली स्टॉक ब्रोकर से भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में अपना नाम दर्ज कराया है. सन 1954 में राधाकिशन दमानी का जन्म मुंबई के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था. उनके पिता शिव किशन दमानी भी अपने जमाने में स्टॉक ब्रोकर हुआ करते थे. राधाकिशन दमानी ने मुंबई यूनिवर्सिटी से बीकॉम की पढ़ाई की है. एक साल पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया और खुद का बिजनेस शुरू कर दिया.
कैसे शुरू की कंपनी
राधाकिशन दमानी ने अपने बिजनेस की शुरुआत बॉल-बेयरिंग के एक बिजनेस से की थी. अपने पिता शिव किशन दमानी की मृत्यु के बाद उन्होंने स्टॉक मार्केट के ब्रोकर का काम शुरू कर दिया. दमानी का बिजनेस अभी चल नहीं पाया था, इसी बीच पिता के गुजर जाने के बाद उन्होंने मजबूरी में स्टॉक मार्केट का काम शुरू किया. उनके बड़े भाई पहले से स्टॉक मार्केट में काम कर रहे थे, इसलिए इस लाइन में उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. राधाकिशन दमानी को लगा कि कुछ बड़ा करने के लिए स्टॉक मार्केट ब्रोकर से काम नहीं चलेगा और इसके लिए स्टॉक मार्केट इनवेस्टर बनना पड़ेगा. 32 साल की उम्र में उन्होंने अपनी जिंदगी का पहला निवेश स्टॉक मार्केट में किया था.