एमएसएमई सेक्टर के आर्थिक बोझ मे राहत की मांग, इस बार सरकार बढ़ा सकता है बजट के पैकेज
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं लॉकडाउन के बाद मोदी सरकार की ओर से एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए कई ऐलान भी किए थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से लॉकडाउन के दौरान एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है. हालांकि अब बजट 2021 से भी एमएसएमई को कई उम्मीदें हैं. माना जा रहा है कि इस बार के बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए सरकार आर्थिक पैकेज बढ़ा सकती है और कुछ राहत भी दे सकती है.
कोरोना वायरस के संकट पर लगाम लगाने के लिए देश में लॉकडाउन लागू किया गया था. हालांकि इस लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को गहरी चोट लगी. उद्योग-धंधे ठप्प हो गए और लोगों के रोजगार पर भी संकट आ गया. वहीं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को भी इस लॉकडाउन के कारण काफी बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा है. एमएसएमई सेक्टर को मांग में कमी देखने को मिली है तो वहीं यह सेक्टर अभी भी नकदी की समस्या का सामना कर रहा है. अब एमएसएमई सेक्टर और इससे जुड़े लोगों की निगाहें बजट 2021 पर टिकी हुई हैं.
एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा का कहना है कि बजट 2021 से MSME सेक्टर उम्मीदें लगाए हुए है. हमारी मांग है कि सरकार की ओर से एमएसएमई सेक्टर के लिए जीएसटी की दरों में कमी लाई जाए. सुरेंद्र नाहटा का कहना है कि सरकार से मांग है कि एमएसएमई सेक्टर के लिए जीएसटी 12% की दर पर अगर फिक्स की जाती है तो इससे एमएसएमई को बढ़ावा मिल सकता है. इसके साथ ही जीएसटी रिटर्न फाइन करने की प्रक्रिया को थोड़ा आसान किया जाना भी जरूरी है.