विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट

देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में 4.531 अरब डॉलर की कमी आई है

Update: 2022-02-05 06:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में 4.531 अरब डॉलर की कमी आई है. यह 28 जनवरी को समाप्त सप्ताह में घटकर 629.755 अरब डॉलर रह गया है. यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) से मिली है. रिजर्व बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 21 जनवरी को समाप्त सप्ताह में अपना विदेशी मुद्रा भंडार 67.8 करोड़ डॉलर घटकर 634.287 अरब डॉलर रह गया था. जबकि तीन सितंबर, 2021 को समाप्त सप्ताह में यह रिकॉर्ड 642.453 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर रहा था. आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 28 जनवरी को समाप्त समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने की वजह कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA) में गिरावट आना है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह एफसीए 3.504 अरब डॉलर घटकर 566.077 अरब डॉलर रह गया.

डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्रा के घट-बढ़ को भी शामिल किया जाता है. इस दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 84.4 करोड़ डॉलर घटकर 39.493 अरब डॉलर रह गया. आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास स्पेशल ड्राविंग राइट या एसडीआर 14.1 करोड़ डॉलर घटकर 19.011 अरब डॉलर रह गया. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में भारत का मुद्रा भंडार भी 4.2 करोड़ डॉलर घटकर 5.174 अरब डॉलर रह गया.
इस सप्ताह रुपया 37 पैसा मजबूत हुआ
इधर रुपए में तीन सत्रों से जारी गिरावट शुक्रवार को थम गई. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे के सुधार के साथ 74.69 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्रा की तुलना में डॉलर के कमजोर होने के बीच रुपए में मजबूती रही. सप्ताह के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपए में 37 पैसे की तेजी आई है.
बजट के बाद से रुपए पर दबाव बढ़ा है
एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार के अनुसार दो प्रमुख केंद्रीय बैंकों – यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) और बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) के नीतिगत मोर्चे पर रुख कड़ा करने के बीच डॉलर सूचकांक में गिरावट के साथ रुपए में मजबूती आई. परमार ने कहा, ''केंद्रीय बजट के बाद रुपए पर दबाव रहा है. बजट में उच्च उधारी के साथ वृद्धि पर ध्यान दिया गया है.'' आगे जाकर, रुपए की दिशा निवेश प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों द्वारा तय होंगी.


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