घातक हथियारों का बाजार: ये हैं पांच सबसे बड़े विक्रेता, खरीददार में भारत नंबर 2 पर

Update: 2022-03-09 03:08 GMT

नई दिल्ली: रूस के यूक्रेन हमले के साथ ही उन कंपनियों की मार्केट वैल्यू में उछाल आ गया है, जो सभी देशों को हथियार बेचती हैं. जर्मनी ने अपने डिफेन्स बजट को दोगुने से भी ज्यादा बढ़ा दिया है. इटली, नीदरलैंड्स और स्पेन भी रक्षा बजट बढ़ा सकते हैं. ये ट्रेंड आगे यूरोप से बाहर भी देखने को मिल सकता है. किसी देश में युद्ध होना दूसरे देशों के लिए हथियार खरीदने के विज्ञापन की तरह हो जाता है. यूक्रेन पर हमला करने के बावजूद रूस पर अमेरिकी या नाटो देश हमला करने से बच रहे हैं तो इसकी सबसे बड़ी वजह रूस का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर होना है. आइए जानते हैं दुनिया के हथियारों के बाजार में किस देश का कितना दखल है.

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हथियारों के ये हैं पांच सबसे बड़े विक्रेता
अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन ये वे पांच देश हैं, जिनका दुनिया के हथियारों के 75 फीसदी बाजार पर कब्जा है.
अमेरिका बेचता है सबसे ज्यादा हथियार
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक हथियारों की बिक्री के मामले में अमेरिका शीर्ष पर है, यह अकेले 37 फीसदी से ज्यादा हथियार बेचता है. इसके बाद रूस का नंबर आता है. इसकी हथियारों के बाजार में 20 फीसदी की हिस्सेदारी है. वहीं फ्रांस 8.3 फीसदी तीसरे, जर्मनी 5.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ चौथे स्थान है. वहीं इस सूचना में 5वें नंबर पर चीन है, जिसकी 5.2 फीसदी की हिस्सेदारी है.
हथियारों के पांच सबसे बड़े खरीददार
स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी SIPRI की साल 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब, भारत, इजिप्ट, ऑस्ट्रेलिया और चीन दुनिया के पांच सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाले देश हैं.
भारत दूसरा सबसे बड़ा खरीददार
ग्लोबल हथियार मार्केट में सऊदी अरब 11 फीसदी, भारत 9.5 फीसदी, इजिप्ट 5.8 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया 5.1 फीसदी और चीन 4.7 फीसदी के साथ सबसे बड़े 5 खरीदार देश हैं.
चीन का खरीद-बिक्री का फॉर्मूला अलग
चीन इकलौता ऐसा देश है, जिसका नाम सबसे ज्यादा हथियार बेचने वाले और सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाले देशों की सूची में शामिल है. जानकारों के मुताबिक चीन रिवर्स इंजीनियरिंग फॉर्मूले पर काम करता है. यानी पहले वो हथियारों को खरीदता है. फिर उन हथियारों में अपनी जरूरत के हिसाब से कुछ बदलाव करता है और फिर उन्हें आगे दूसरे देशों को बेच देता है.
भारत रूस से लेता है सबसे ज्यादा हथियार
SIPRI की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक रूस के हथियारों के टॉप थ्री खरीदार हैं - भारत, चीन और अल्जीरिया हैं. रूस के 23 फीसदी हथियार भारत, 18 फीसदी चीन और 15 फीसदी अल्जीरिया खरीदता है. यानी रूस के हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार भारत ही है. जानकारों की मानें तो इसी वजह से भारत ने यूक्रेन पर रूसी हमलों के मामले से दूरी बनाई हुई है. रूस का खुलकर विरोध नहीं करने की एक बड़ी वजह यह भी है.
रूस समेट रहा तो यूएस बढ़ा रहा बाजार
SIPRI की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दस सालों में जहां अमेरिका के हथियारों का बाजार 15 फीसदी बढ़ा है, वहीं रूस का 22 फीसदी कम हुआ है.
तीन और देशों से भी हथियार लेता है भारत
अमेरिका के हथियारों के सबसे बड़े खरीदारों की बात है तो सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया इस लिस्ट में टॉप पर हैं. ऐसा नहीं है कि भारत अमेरिका से हथियार नहीं खरीदता. रूस के अलावा भारत अमेरिका, इजरायल और फ्रांस से भी हथियार खरीदता है, इसलिए भारत ना तो रूस को नाराज कर सकता है और ना अमेरिका के खिलाफ खड़ा हो सकता है.


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