जिले की मिट्टी टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त है. किसान नगदी आमदनी के लिए हाईब्रिड टमाटर की खेती कर सकते हैं. टमाटर की खेती सितंबर से नवम्बर तक की जाती है.
उद्यान विभाग के अनुसार जिले में खेती का लक्ष्य होने के साथ इसके लिए किसानों से आवेदन लिए जाएंगे. नर्सरी में अगेती किस्म के हाईब्रिड टमाटर के पौधे कुछ किसान तैयार भी कर रहे हैं. हाईब्रिड टमाटर की खेती से पैदावार डेढ़ गुना अधिक होती है. इसमें कम लागत में ज्यादा मुनाफा किसान कमा सकते है. विभाग के मुताबिक एक हेक्टेयर की खेती में जहां 60 से 65 हजार की लागत आती है.
वहीं 5 से 6 लाख की आमदनी भी हो सकती है. वैसे तो इस वर्ष टमाटर की कीमत आसमान छू रही थी. किसान हाईब्रिड टमाटर की खेती सितंबर में अगर करते है तो नवम्बर तक टमाटर निकलने लगेगा. समय से फसल आने पर अच्छी कीमत में बिक जाएगी. वैसे खेती नवम्बर तक की जा सकती है . लेकिन पौधे का विकास ठंड के मौसम में थोड़ा कम होता है . वैसे ड्रिप सिंचाई से टमाटर की फसल को नुकसान नहीं होता और पैदावार भी अच्छी होती है. ड्रिप लगवाने पर भी लघु व सीमांत किसान व सामान्य को 50 फीसदी का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है. ड्रिप से सिंचाई करने से लागत कम होने के साथ उत्पादन में 25 फीसदी तक का इजाफा हो जाता है. पिछले वर्ष किसानों के आवेदन के आधार पर विभाग पचास प्रतिशत अनुदान पर टमाटर की उन्नत किस्म के पौधे उपलब्ध कराया था.
बाजार में ये किस्म उपलब्ध बाजार में हाईब्रिड बीजों की कई किस्म उपलब्ध हैं. इसमें सेमिनियस , अभिलाष,गर्व,टीओएस -369 करिश्मा, गणेश, अभिरंग,अशोका,अरिजित शामिल हैं. इसकी बाजार में कीमत प्रति दस ग्राम 350 से 500 रुपये है. जिसमे त़करीबन 3500 पौधे तैयार होते हैं.
ऐसे करें बुआई हाईब्रिड बीजों से खेती में खेत की जुताई बेहतर तरीके से होनी चाहिए. मिट्टी एकदम सॉफ्ट हो तथा क्यारियों के बीच करीब 80 से 100 सेमी और एक पौधे से दूसरे के बीच 50 से 60 सेमी की दूरी होनी चाहिए. जिससे पौधा बड़ा होने के बाद अपना सही आकार ले सके .