क्रेडिट सुइसे ने GDP 8.5 से 9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया, कहा- 15 मई के बाद लॉकडाउन की स्थिति में आएगी कमी

31 मार्च 2022 तक 31 मार्च, 2022 तक भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को घटाकर 11.1 फीसदी कर दिया है.

Update: 2021-05-07 04:55 GMT

वित्तीय सेवा कंपनी क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) ने कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के खतरे को देखते हुए मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को घटाते हुए 8.5 से 9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. कंपनी ने यह चेतावनी भी दी है कि आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने से संभावनाओं के अनुरूप जीडीपी हासिल करने के लिए दो से तीन वर्ष की देरी भी लग सकती है.

क्रेडिट सुइस के भारत में इक्विटी रणनीतिकार नीलकंठ मिश्रा ने कहा, हमें वर्ष 2021-22 में वर्ष 2019-20 के मुकाबले जीडीपी 5 फीसदी अधिक बढ़ने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी 4 फीसदी रही थी.
कुछ सप्ताह तक प्रभावित रहेंगी आर्थिक गतिविधियां
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार आर्थिक गतिविधियां कुछ सप्ताह तक प्रभावित रहेंगी जबकि पिछले वर्ष कई महीनों तक आर्थिक क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियां प्रभावित रही थी. इस बार प्रतिबंध राष्ट्रीय स्तर पर कम और छोटे स्तर पर अधिक है.
15 मई के बाद सुधरेगी स्थिति
उन्होंने कहा कि विकास कब सामान्य होगा, यह उस पर निर्भर करता है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कब तक रहती है और सरकारों द्वारा प्रतिबंध कब हटाए जाएंगे. उम्मीद है कि मध्य मई के बाद लॉकडाउन की स्थिति में कमी आएगी या ज्यादा कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए जाएंगे.
FY22 में 10 से 11 फीसदी ग्रोथ रहने का अनुमान
इसके अलावा एसएंडपी, फिच और मूडीज जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी 10 से 11 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
गोल्डमैन सैश ने भी GDP ग्रोथ रेट का अनुमान घटाया
वॉल स्ट्रीट की ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की ग्रोथ रेट को घटा दिया है. कई शहरों और राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा के बाद गोल्डमैन सैश ने चालू वित्त वर्ष में 31 मार्च 2022 तक 31 मार्च, 2022 तक भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को घटाकर 11.1 फीसदी कर दिया है.


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