क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड सिर्फ 6 सेकंड में हैक हो सकता है,जानें फ्रॉड से कैसे रखें इन्‍हें सुरक्षित

कोरोना वायरस महामारी के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शन में तेज उछाल आया है. डिटिजल ट्रांजैक्शन बढ़ने के साथ ही साइबर क्राइम भी काफी ज्यादा बढ़ गए हैं

Update: 2022-03-25 03:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस महामारी (Coronavius Pandemic) के बाद डिजिटल ट्रांजैक्शन में तेज उछाल आया है. डिटिजल ट्रांजैक्शन बढ़ने के साथ ही साइबर क्राइम भी काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. डिजिटल दुनिया में साइबर अपराधी फाइनेंशियल और सोशल सिक्योरिटी के खतरा बन गए हैं. आपका क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और डेबिट कार्ड (Debit Card) सिर्फ 6 सेकंड में हैक हो सकता है. नॉर्ड वीपीएन (NordVPN) ने हाल ही में 140 देशों के 4 करोड़ पेमेंट कार्ड्स का एक अध्ययन जारी किया और खुलासा किया कि डेबिट या क्रेडिट कार्ड को केवल 6 सेकंड में हैक किया जा सकता है.

रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, हमला इतना तेज होता है कि ग्राहक को सोचने समझने का मौका ही नहीं मिलता और चंद सेकंड में उसका खाता खाली हो जाता है. NordVPN के सीटीओ के मुताबिक, सिर्फ एक तरीके से बड़ी संख्या में पेमेंट कार्ड डार्क वेब पर आ सकते हैं और वो तरीका है ब्रूट फोर्सिंग (Brute Forcing). इस तरीके में हैकर्स आपके कार्ड का नंबर (Card Number) और सीवीवी (CVV) का अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं.
कार्ड का पहला 6-8 नंबर जारीकर्ता का आईडी नंबर होता है. हैकर्स को कार्ड के सिर्फ 7 से 9 नंबर का अनुमान लगाना है. इसका उपयोग केवल यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि नंबर दर्ज करते समय कोई गलती हुई थी या नहीं. कंप्यूटर का उपयोग करते हुए इस तरह के हमले में केवल छह सेकंड लग सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, उन्होंने कहा कि कार्ड यूजर्स को संदिग्ध गतिविधि के लिए अपने मासिक विवरणों की समीक्षा करने और आपके बैंक से प्रत्येक सिक्योरिटी नोटिफिकेशन का तुरंत जवाब देने की आवश्यकता है.
एक और सिफारिश है कि अलग-अलग उद्देश्यों के लिए एक अलग बैंक खाता रखें और केवल उसी में थोड़ी मात्रा में पैसा रखें जिससे आपका पेमेंट कार्ड जुड़ा हो. उन्होंने कहा, कुछ बैंक अस्थायी वर्चुअल कार्ड भी प्रदान करते हैं जिनका आप उपयोग कर सकते हैं, अगर आप ऑनलाइन खरीदारी करते समय सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं.
आपको बता दें कि अभी हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से एक बुकलेट भी जारी की थी, जिसमें उन सभी तरीकों को बताया गया था, जो अपराधी की ओर से इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके अलावा इसमें अपने बचाव के भी बहुत से तरीके भी बताए गए हैं. जैसे-जैसे वित्तीय लेनदेन करने की गति और सुगमता में सुधार हुआ है, रिटेल फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन में धोखाधड़ी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. आरबीआई ने कहा, जालसाज आम और भोले-भाले लोगों से उनकी गाढ़ी कमाई को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं.


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