GST के विरोध में देश के कारोबारी करेंगे चक्का जाम, इस तारीख को किया भारत बंद का ऐलान

जीएसटी के विकृत रूप के ख़िलाफ़

Update: 2021-02-08 11:33 GMT

कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ ( CAIT) ने जीएसटी के विकृत रूप के ख़िलाफ़ आगामी 26 फ़रवरी को भारत व्यापार बंद की घोषणा की है. इस बंद का समर्थन करते हुए ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफ़ेयर एसोसिएशन ने कैट के भारत व्यापार बंद का समर्थन करते हुए 26 फ़रवरी को देश भर में चक्का जाम करने की घोषणा की है.


नागपुर में कैट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन जो आज से नागपुर में शुरू हुआ है, उसमें देश के सभी राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेताओं ने संयुक्त रूप से लिया है. इस बंद का समर्थन कैट के अंतगर्त आने वाले देश के 8 करोड़ से ज्यादा कारोबारी करेंगे. वहीं ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफ़ेयर एसोसिएशन भी इस बंद में शामिल होगा.


जीएसटी पूरी तरह से फेल प्रणाली

यह घोषणा कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल तथा ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफ़ेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने संयुक्त रूप से की है. भरतिया एवं खंडेलवाल ने जीएसटी काउन्सिल द्वारा जीएसटी के स्वरूप को अपने फ़ायदे के लिए विकृत करने का आरोप लगाते हुए कहा की जीएसटी पूरी तरह से एक फेल कर प्रणाली है.
जीएसटी के मूल स्वरुप के साथ खिलवाड़

जीएसटी का जो मूल स्वरूप है उसके साथ खिलवाड़ किया गया है । सभी राज्य सरकारें अपने निहित स्वार्थों के प्रति ज़्यादा चिंतित है और उन्हें कर प्रणाली के सरलीकरण क़ी कोई चिंता नहीं है. देश के व्यापारी व्यापार करने की बजाय जीएसटी कर पालना में दिन भर जुटे रहते हैं जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए विपरीत स्तिथि है. ऐसे में जीएसटी के वर्तमान स्वरूप पर नए सिरे से विचार करने की ज़रूरत है.

937 बार हो चुका संशोधन

चार वर्ष में जीएसटी लगभग 937 से ज़्यादा बार संशोधन होने के बाद जीएसटी जा बुनियादी ढाँचा ही बदल गया है. बार बार कहने के बावजूद जीएसटी काउन्सिल ने अभी तक कैट द्वारा उठाए गए मुद्दों का कोई संज्ञान नहीं लिया है इसलिए व्यापारियों को अपनी बातों को देश भर के लोगों को बताने के लिए भारत व्यापार बंद का ऐलान किया है.


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