कोरोना पाबंदियों ने बिजनेस और इकोनॉमिक एक्टिविटीज का हाल किया बेहाल, छोटे दुकानदारों की बढ़ी टेंशन

Update: 2022-01-08 09:48 GMT

नई दिल्ली: देशभर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों और अलग-अलग राज्यों में लग रही पाबंदियों ने बिजनेस और इकोनॉमिक एक्टिविटीज पर काफी असर डाला है. इस वजह से देशभर में छोटे दुकानदारों की मुश्किलें बढ़ी हैं और बीते 10 दिनों में व्यापार लगभग 45% घटा है.

कैट ने बताई व्यापारियों समस्या
छोटे और रिटेल कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे से परेशान व्यापारियों की हालत से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को अवगत कराया है. संगठन ने केंद्र सरकारों एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पाबंदियों के बावजूद व्यापारिक एवं आर्थिक गतिविधियां सुचारू रूप से चलती रहें. कैट (CAIT) ने व्यापारी संगठनों से बातचीत करने के बाद कोरोना से जुड़ी पाबंदियां लगाने का अनुरोध किया है.
खरीदार नहीं आ रहा बाज़ार
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के बढ़ते प्रकोप की वजह से देशभर में व्यापार घटा है. बीते 10 दिन में देशभर में व्यापार करीब 45 प्रतिशत गिरा है. बड़े शहरों में छोटे शहरों से आने वाले खरीदार और छोटे दुकानदार बाजार नहीं आ रहे हैं. जबकि रिटेल खरीदारी के लिए भी उपभोक्ता जरूरत पड़ने पर ही सामान खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं. इससे व्यापार अभी से ही अस्त व्यस्त होना शुरू हो गया है और केंद्र-सभी राज्य सरकारों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
इन सेक्टर में नहीं हो रही बिक्री
कैट के मुताबिक मोटे तौर पर एफएमसीजी सेक्टर के व्यापार में 35%, इलेक्ट्रॉनिक्स में 45%, मोबाइल में 50% , दैनिक उपभोग की वस्तुओं में 30%, फुटवियर में 60% ज्वेलरी में 30%, खिलौनों में 65%, गिफ्ट आइटम्स में 65%, बिल्डर हार्डवेयर में 40%, सेनेटरीवेयर में 50% अपैरल में 30%, कॉस्मेटिक्स में 25%, फर्नीचर में 40%, फर्निशिंग फैब्रिक्स में 40%, इलेक्ट्रिकल सामान में 35%, सूटकेस एवं लगैज में 45%, खाद्यान्न में 20%, रसोई उपकरणों में 45%, घड़ियों में 35%, कंप्यूटर एवं कम्प्यूटर के सामान में 30%, स्टेशनरी में 35% की अनुमानित गिरावट आई है.
कैट का अनुमान है कि 14 जनवरी के बाद शुरू हो रहे शादियों के सीजन में भी कोरोना का असर व्यापार पर दिख सकता है. अगले ढाई महीनों में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान था, पाबंदियों की वजह से इसमें लगभग 75 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है.
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