भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी कोऑपरेटिव बैंकों में लोन के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के निर्देश जारी किए हैं. इसके अनुसार संपत्तियों के एवज में लोन देने से पहले बैंक कम से कम दो वैल्यूअर से संपत्ति का मूल्यांकन कराएंगे. भूमि और भवन, संयंत्र, मशीनरी, कृषि भूमि का हिसाब अलग रखना होगा. बैंक एक वर्ष से अधिक के लिए गोल्ड लोन नहीं दे सकेंगे. अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर सोने की शुद्धता की जांच बैंक परिसर में ही दर्ज़ सराफा व्यापारी से करानी होगी.
एनपीए यानी गैर निष्पादित संपत्तियां आरबीआई के लिए चिंता का विषय है. कोऑपरेटिव बैंकों की नज़र के लिए आनलाइन बैंकिंग समेत अन्य प्रक्रिया को बढ़ाया गया है. दरअसल, बड़ी संख्या में संपत्तियों की मूल्य से अधिक लोन देकर बैंकों में जमा ग्राहकों की गाढ़ी कमाई से खिलवाड़ किया जा रहा है. प्रबंधन की सांठगांठ से मूल मूल्य से अधिक लोन लेने वाले 90 प्रतिशत खाते एनपीए हो जाते हैं.
संपत्तियों के मूल्यांकन पर सख्ती, बिना पैनल दिया तो कार्रवाई
अब सरकारी बैंकों की तर्ज पर कोऑपरेटिव बैंकों को भी पेशेवर मूल्यांकनकर्ताओं का पैनल बनाना होगा. उसका संबंध बैंक के किसी भी कर्मचारी, अधिकारी या प्रबंधन से नहीं होगा. पचास करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों के लिए बैंक न्यूनतम दो स्वतंत्र मूल्यांकन रिपोर्ट बनवाएंगे. इसमें समय के साथ संपत्तियों की मूल्य में कमी या बढ़ोतरी का भी जिक्र करना होगा. बैंकों को दोनों ही मूल्यांकन की रिपोर्ट लोन समाप्त होने तक सुरक्षित रखना होगा. बैंक में संपत्ति मूल्यांकनकर्ताओं के पैनल में भिन्न-भिन्न जानकार होंगे. जैसे भूमि और भवन, संयंत्र, मशीनरी, कृषि भूमि आदि के अलग जानकार रखना होंगे.
गोल्ड लोन को लेकर अधिक सावधान रहने के निर्देश-
-सोने पर लोन अहमियत में उन्हीं व्यक्तियों को दें जिनका बैंक से मुनासिब परिचय हो
-गहनों पर लोन से पहले ठीक से चेक करें कि उसका मालिक कौन है
-लोन लेने वाले ग्राहक से घोषणा पत्र लेंगे कि आभूषण उसके अपने हैं
-बैंक सोने के मूल्यांकन के लिए अनुमोदित जौहरी को मूल्यांकनकर्ता के रूप में नियुक्त करेंगे
-गहनों की सुरक्षा के लिए बैंकों को विशेष तिजोरी का बंदोबस्त करना होगा
-बैंक परिसर में ही आभूषणों का मूल्यांकन करने की प्राथमिकता
-ये संभव न हो तो बैंक आभूषणों को तालाबंद बॉक्स में मूल्यांकनकर्ता को भेजेंगे
-बॉक्स की एक चाबी मूल्यांकनकर्ता के पास और दूसरी बैंक के पास रहेगी
-आभूषणों के बदले एडवांस 6 महीने या एक वर्ष तक सीमित रहेगा
-सोने के गहनों की मूल्य का अधिकतम 75 प्रतिशत ही लोन के रूप में दे सकेंगे