वीडियो गेम्स खेलने के लिए कंपनियां आपको देंगी पैसे! जानिए इसके पीछे की वजह
तकनीक के इस दौर में हम बहुत तेजी से एक वर्चुअल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं. हमारा लगभग हर काम और मनोरंजन भी, सब कुछ ऑनलाइन होने लगा है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आम तौर पर गेमर्स को या तो वीडियो गेम्स को खरीदना पड़ता है या फिर उसके कुछ फीचर्स को इस्तेमाल करने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं. कहने का मतलब यह है कि फिलहाल उन्हें अपने मनपसंद गेम्स को खेलने के लिए पैसे देने पड़ते हैं
पांच सालों में होगा कुछ ऐसा
लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit के फाउन्डर, ऐलेक्सिस ओहेनियन का ऐसा कहना है कि अगले पांच सालों में कुछ इस तरह का बदलाव देखा जाएगा कि गेमिंग कंपनियां गेमर्स को गेम खेलने के पैसे देंगी.
ऐलेक्सिस ओहेनियन की भविष्यवाणी
ऐलेक्सिस ओहेनियन ने 'वेयर इट हैपेन्स' नाम के पॉडकास्ट में ये कहा है कि यह प्रीडिक्शन किया है कि पांच साल के अंदर ऑनलाइन सर्विसेज और प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करने वाले 90% लोग डीसेंट्रेलाइज्ड ऑटोनॉमस ऑर्गेनाइजेशन या DAO का हिस्सा होंगे.
प्ले टू अर्न गेम्स का बोलबाला होगा
ऐलेक्सिस ओहेनियन का ऐसा मानना है कि आने वाले समय में, वीडियो गेम्स के मामले में प्ले टू अर्न गेम्स का बोलबाला होगा क्योंकि गेमर्स जब अपना समय खेलने में लगाएंगे तो उनकी कोशिश रहेगी कि उस समय के बदले उन्हें पैसे दिए जाएं.
बड़ी होगी गेमिंग इंडस्ट्री
ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में गेमिंग इंडस्ट्री एक बेहद बड़ी इंडस्ट्री बन जाएगी और इसके सेल्स का आंकड़ा हॉलीवुड और म्यूजिक इंडस्ट्री की कम्बाइन्ड सेल्स को पार कर जाएगा.