कोयला कारोबारी ने बैंक ऑफ बडौदा में किया 175 करोड़ का गबन, सीबीआई ने शुरू की जांच

कोयला खरीदी के नाम पर अनिल जैन ने सबसे पहले 2010 में तीन अलग-अलग तरह की लाइन ऑफ क्रेडिट लिमिट लेकर 80 करोड़ रु. लोन लिया था. फिर 2014 में लिमिट बढ़वाकर 175 करोड़ कर लिया.

Update: 2022-03-03 01:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) के रहने वाले एक कोयला कोरोबारी ने बैंक ऑफ बडौदा (Bank of Baroda) में 175 करोड़ रुपए का गबन किया है. गबन की शिकायत खुद बैंक ने जाकर सीबीआई ऑफिस में की है. बैंक ने कोयला कारोबारी अनिल जैन और उसके परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है. इस मामले के सामने आते ही सीबीआई ने इसकी जांच शुरू कर दी है. बैंक ने सीबीआई को की शिकायत में कहा है कि अनिल जैन ने बैंक से 90 से 180 दिन की लाइन ऑफ क्रेडिट लेकर 175 करोड़ रुपए का लोन लिया था. ये लोन उसने 2014 में लिया था, जो 180 दिन की तय सीमा में लौटाना था, लेकिन जैन ने आज तक पैसा नहीं लौटाया. फिलहाल सीबीआई ने जैन और उसके 6 पार्टनरों को भी आरोपी बनाया है.

बैंक ने बताया कि जैन की कंपनी कोयले की ट्रेडिंग से जुड़ी थी. उसने कोयला खरीदी के नाम पर सबसे पहले 2010 में तीन अलग-अलग तरह की लाइन ऑफ क्रेडिट लिमिट लेकर 80 करोड़ रु. लोन लिया था. फिर 2014 में लिमिट बढ़वाकर 175 करोड़ कर लिया. उसने इस लोन को विदेशों तक भेजा. 2017 के बाद जैन ने क्रेडिट लिमिट में मिला पैसा डायवर्ट करना शुरू कर दिया. एक विदेशी कंपनी के अवनी रिसोर्स के नाम 28.50 करोड़ रुपए का फॉरेन क्रेडिट लेटर जारी करवाया, लेकिन वहां से जो कोयला आयात करना बताया गया, वह कभी आया ही नहीं.
जितना कोयला लेना था बैंक को उसका दुगना बताया गया
उसने फर्जी कस्टम क्लीयरेंस और दूसरे बिल बनवाए. जैन ने निखिल मर्चेंटाइल, श्याम और शिवम कोल ब्लॉक जैसी दर्जनों कंपनियों से बड़े पैमाने पर कोयला मंगाना और पेमेंट करना बताया, लेकिन बैंक ने जब जांच की तो पता चला कि ये सारी आपूर्ति हुई ही नहीं या जितनी हुई उससे कहीं गुना अधिक बताई गई. इस बीच जैन ने क्रेडिट लिमिट से मिले पैसे अपने आईडीबीआई बैंक के खाते में जमा कराकर 30 करोड़ रुपए की निजी उधारी चुका दी. जबकि वास्तव में यह पैसा बैंक ऑफ बड़ौदा की क्रेडिट लिमिट को चुकाने में उपयोग करना था.
ऑडिट रिपोर्ट जानबूझकर दिखाया 112 करोड़ का नुकसान
बैंक के मुताबिक जैन ने लोन के लिए बड़े पैमाने पर अलग अलग शहरों में फैली कोल कंपनियों से कोयला मंगाने के फर्जी बिल पेश किए थे. कंपनी में सब ठीक है, यह दर्शाने के लिए उसने फर्जी ऑडिट रिपोर्ट बनाकर 4 करोड़ का मुनाफा बताया, लेकिन फौरन बाद दूसरी ऑडिट रिपोर्ट पेश करके उसने 112 करोड़ का नुकसान दिखाया.


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