कोल इंडिया लिमिटेड नॉन-एग्जीक्युटिव कर्मचारियों के लिए किया बड़ा ऐलान, दिवाली से पहले खाते में आएंगे 68,500 रुपये

सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने शुक्रवार को अपने नॉन-एग्जीक्युटिव कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है.

Update: 2020-10-16 14:31 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली. सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने शुक्रवार को अपने नॉन-एग्जीक्युटिव कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है. कोल इंडिया ने इन कर्मचारियों के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए परफॉर्मेंस-लिंक्ड रिवॉर्ड (PRL) के तौर पर प्रति कर्मचारी 68,500 रुपये देने का ऐलान किया है. इससे कंपनी पर कुल 1,700 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. कोल इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह वित्त वर्ष 2019-20 में कर्मचारियों की उपस्थिति से लिंक किया गया है. सभी कर्मचारियों को 25 अक्टूबर से पहले इसका भुगतान कर दिया जाएगा.

पिछले साल की तुलना में 5.87 फीसदी का इजाफा

कोल इंडिया के इस PRL से करीब 2.62 लाख कर्मचारियों को फायदा हो सकेगा. इसमें कोल इंडिया की 8 सहायक कंपनियों (Coal India Subsidiary Companies) के कर्मचारी भी शामिल होंगे. कोरोना वायरस महामारी के बावजूद कंपनी ने अपने कर्मचारियों के PRL को 5.87 फीसदी यानी 3,800 रुपये बढ़ाते हुए इसे 68,500 रुपये करने का ऐलान किया है. इसका लाभ केवल उन्हीं नॉन-एग्जीक्युटिव कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्होंने वित्त वर्ष 2019-20 में कम से कम 30 ​वर्किंग डे को पूरा किया है.

गुरुवार को कोल इंडिया की जाइंट बाइपरटाइट कमेटी फॉर कोल इंडस्ट्री (JBCCI-X) द्वारा झारखंड के रांची में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है. इसमें कोल इंडिया मैनेजमेंट और केंद्रीय व्यापार संघ (Central Trade Union) के प्रतिनिधि भी शामिल रहे. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें खुशी है कि समय रहते ही सभी पक्षों में इसे लेकर सहमति बनी और हमने उचित समय पर इसका ऐलान कर दिया. कंपनी को केंद्रीय व्यापार संघ का भी साथ मिला.

​कोल इंडिया के आउटपुट और सप्लाई ग्रोथ बेहतर

सितंबर महीने में कोल इंडिया लिमिटेड की आउटपुट और सप्लाई में करीब 32 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली. मौजूदा महीने में भी कंपनी की ग्रोथ बरकरार है. अधिकारी ने कहा कि फेस्टिव सीजन से ठीक पहले कर्मचारियों को मिलने वाले इस पेमेंट से उत्साह आएगा. इससे उनका परफॉर्मेंस भी बेहतर हो सकेगा. बता दें कि घरेलू कोयला जरूरत का 80 फीसदी हिस्सा कोल इंडिया से ही पूरा होता है.

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