बच्चों का बैंक: 10 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता है पैसा, 450 से ज्यादा हैं ग्राहक
झारखंड की राजधानी रांची में बच्चों का अनोखा बैंक है. महज 10 बच्चों ने मिलकर बाल विकास खजाना बैंक खोला था. आज इस बैंक के 450 से ज्यादा ग्राहक हैं. रांची में 4 ब्रांच काम कर रहा है. इस बैंक की शुरुआत राजधानी के जगरनाथपुर बस्ती के बच्चों ने की थी. ये ऐसे बच्चे थे जो नशापान के आदी थे. लेकिन इन बच्चों ने ना केवल नशापान छोड़ा, बल्कि बैंक खोलकर समाज में खुद को साबित भी किया.
बाल विकास खजाना बैंक में ग्राहक बनने के लिए कई मापदंड निर्धारित किए गए हैं. वैसे बच्चे इसके ग्राहक बनने की पात्रता रखते हैं जिनकी उम्र 9 से 18 वर्ष की बीच होती है. आवेदन देने पर बच्चों के इस बैंक में 2 रुपये जमा करने पर खाता खोला जाता है. खाता खुलने के बाद बैंक से बच्चा ग्राहक को फोटोयुक्त पासबुक दी जाती है. 2 सौ रुपये से ज्यादा की निकासी और इतनी या इससे अधिक राशि जमा करने पर ग्राहक को कारण बताना पड़ता है. बच्चे आवेदन के साथ पैसे कहां से लाए हैं, ये जानकारी भी बैंक को देते हैं. पैसे क्यों निकाल रहे हैं, उसकी भी जानकारी देनी होती है. बैंक मैनेजर रेणुका कुमारी ने बताया कि बच्चों को घर में मिलने वाली पॉकेट मनी या अवसर विशेष पर रिश्तेदार से मिले पैसे यहां जमा लिए जाते हैं. बचपन से छोटी बचत की आदत इंसान को वक्त पड़ने पर काफी सहायक साबित होता है.
बैंक में जमा राशि को तीन स्तर पर रखा जाता है. स्थानीय बाल विकास खजाना ब्रांच के अलावा आईडीबीआई (IDBI) के खाता में रखी जाती है. इस खाते में अब तक दो लाख रुपये से अधिक रुपये जमा हो चुके हैं. बच्चों को उसके पैसे पर हर वर्ष 10 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है.