Cheque क्लियरिंग सिस्टम 1 सितंबर से बदल जाएगा, जानकारी नहीं देने पर रिटर्न हो जाएगा चेक

1 सितंबर, 2021 से कई बड़े बदलाव होने जा रहा हैं. इसी क्रम में Axis Bank में चेक क्लियरिंग का सिस्टम भी बदल रहा है. एक्सिस बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को एसएमएस (SMS) कर इसकी जानकारी दी है.

Update: 2021-08-31 05:17 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 1 सितंबर से काफी कुछ बदल रहा है जिससे आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा. अगर आप एक्सिस बैंक के ग्राहक हैं तो आपके लिए ये खबर बहुत जरूरी है. एक्सिस बैंक (Axis Bank) के चेकबुक का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक जान लें कि सितंबर, 2021 से Axis Bank में चेक क्लियरिंग का सिस्टम बदल रहा है. एक्सिस बैंक ने ग्राहकों को एसएमएस (SMS) के जरिए इसकी जानकारी दी है.

1 सितंबर से चेक क्लियर होने से एक वर्किंग डे पहले पॉजिटिव पे (Positive Pay) डिटेल्स देना होगा. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका चेक वापस हो जाएगा. गौरतलब है कि इसके पहले भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक जैसे प्रमुख बैंकों ने पहले ही इसे अपने यहां लागू कर दिया है.
आटोमेटेड फ्रॉड डिटेक्शन टूल
गौरतलब है कि 1 जनवरी, 2021 से देश में चेक के लिए नया पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) लागू हुआ है. पॉजिटिव पे सिस्टम एक आटोमेटेड फ्रॉड डिटेक्शन टूल है. आरबीआई ने कहा इस नियम को लागू किए जाने के पीछे का मकसद चेक का गलत इस्तेमाल पर शिकंजा कसना है. बैंक ने इसके लिए ग्राहकों को एसएमएस भेजा है. ग्राहकों को भेजे एसएमएस में एक्सिस बैंक ने कहा, 1 सितंबर 2021 से 5 लाख रुपए या इससे ज्यादा का चेक रिटर्न हो जाएगा, अगर आपने चेक क्लियरिंग डेट से एक वर्किंग डे पहले पॉजिटिव पे डिटेल्स नहीं दिया.
पॉजिटिव पे सिस्टम क्या है?
पॉजिटिव पे सिस्टम चेक ट्रंकेशन सिस्टम के तहत चेक की क्लियरिंग में फ्रॉड से सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए है. चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक को क्लियर करने की एक प्रक्रिया है. यह चेक के कलेक्शन की प्रक्रिया को तेज बना देता है. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन आफ इंडिया (NPCI) चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) में पॉजिटिव पे सुविधा बैंकों को उपलब्‍ध करा रहा है. यह सिस्टम 50 हजार या इससे बड़े अमाउंट के चेक के जरिए पेमेंट पर लागू होगा.
कैसे काम करता है पॉजिटिव पे सिस्टम?
इस सिस्टम के जरिए चेक की जानकारी SMS, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग और एटीएम (ATM) के माध्यम से दी जा सकती है. चेक की पेमेंट करने से पहले इन जानकारियों की दोबारा जांच की जाएगी. अगर इसमें कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो बैंक उस चेक को रिजेक्ट कर देंगे. यहां अगर दो बैंक का मामला है यानी जिस बैंक का चेक काटा गया है और जिस बैंक में चेक डाला गया है, तो दोनों को इस बारे में जानकारी दी जाएगी.


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