यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ धोखाधड़ी, जानीमानी टेक्सटाइल कंपनी पर लगा आरोप, CBI ने दर्ज किया मामला

CBI ने दर्ज किया मामला

Update: 2021-07-17 16:01 GMT

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) के साथ धोखाधड़ी के आरोप में कपड़ा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एस कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड (S Kumars Nationwide Ltd) के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला 160 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी का है.


सीबीआई ने यह मामला बैंक की शिकायत के बाद दर्ज किया है. बैंक का आरोप है कि इस धोखाधड़ी में कंपनी और उसके प्रवर्तक और निदेशकों सहित प्रबंध निदेशक नितिन कासलीवाल और निदेशक विजय गोवर्धनदास कलंत्री, अनिल कुमार चन्ना, राजिंदर कृष्ण गर्ग और जगदीश संजीव रेड्डी शामिल हैं.


NPA में बदल गया लोन
बैंक के अनुसार एस कुमार्स नेशनवाइड ने बैंक से कई लोन सुविधाएं ली हुई थीं, जो 2013 में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) में बदल गईं. केपीएमजी (KPMG) के फॉरेंसिक ऑडिट के बाद 2020 में इस खाते को 'धोखाधड़ी' वाला घोषित कर दिया गया था.

बैंक का कहना है कि कंपनी ने अपनी 94 प्रतिशत बिक्री कुछ चुनिंदा वितरकों को ही दिखाई है और ग्राहकों से प्राप्तियों को बट्टे खाते में डालकर और संदिग्ध पुन:बिक्री लेनदेन को उसी ग्राहक के पास काफी रियायती दर पर दिखाया है.

बैंक को लगाया 160 करोड़ का चूना
प्राथमिकी में बैंक ने आरोप लगाया है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने 2013-2018 की अवधि के दौरान बैंक को गलत तरीके से 160.68 करोड़ रुपए नुकसान पहुंचाया और खुद लाभ कमाया.

इसने कहा कि प्राथमिकी में नामित निदेशकों ने मिलीभगत और एक दूसरे के साथ साजिश में और अज्ञात अधिकारियों ने विभिन्न कॉग्निजिबल और नॉन-कॉग्निजिबल अपराधों के कमीशन के लिए आधार लेते हुए बैंक को धोखा दिया.

1948 में हुई थी कंपनी की स्थापना
बता दें कि एस कुमार्स की स्थापना 1948 में हुई थी. कंपनी किफायती कीमत पर अच्छी क्वालिटी का फैब्रिक उपलब्ध कराई है. शूटिंग एंड शर्टिंग में एस कुमार्स जाना-पहचाना नाम है. 70 वर्षों से ब्रांड लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है.


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