गौतम अडानी को भायी चैटजीपीटी, कहा- चिप की तरह AI के लिए भी जटिल होगी दौड़
नई दिल्ली। एशिया (Asia) के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडानी का दिल चैटजीपीटी पर आ गया है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित एक प्रोग्राम है जो खुद से चुटकुले लिखने, कंप्यूटर कोड को त्रुटीहीन बनाने और यहां तक कि कविताएं और निबंध (Poems and Essays) तैयार करने में भी सक्षम है. गौतम अडानी का कारोबार हाल के वर्षों में खानों, बंदरगाहों और बिजली संयंत्रों से हवाईअड्डों (airports), डेटा केंद्रों और रक्षा क्षेत्र तक फैला है. उन्होंने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की बैठक में भाग लेने के बाद के बाद ये बातें कही है.
उन्होंने सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन (media platform linkedin) पर लिखा, "बैठकों के लिहाज से यह शायद मेरा सबसे व्यस्त डब्ल्यूईएफ था. मैं एक दर्जन से अधिक राष्ट्राध्यक्षों और कई व्यापारिक नेताओं से मिला." वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में सभी चर्चाओं के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) या लिखने-पढ़ने के संदर्भ में सृजित करने में योगदान देने वाले (जेनरेटिव) एआई में प्रगति का विषय छाया रहा. उन्होंने कहा, "हाल में चैटजीपीटी के आने से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लोकतंत्रीकरण में एक परिवर्तनकारी क्षण आया है. इसकी आश्चर्यजनक क्षमताओं के साथ ही हास्यपूर्ण विफलताओं को देखना रोचक है. मुझे इसका उपयोग शुरू करने के बाद से कुछ हद तक इसकी आदत लगने की बात स्वीकार करनी चाहिए.'
अडानी ने कहा कि लिखने-पढ़ने के संदर्भ में सृजित करने में योगदान देने वाले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के व्यापक प्रभाव होंगे, और चिप डिजाइन तथा बड़े पैमाने पर उत्पादन में अग्रणी होने के कारण अमेरिका बाकी दुनिया से आगे है. अडानी ने लिखा कि इससे आधुनिक युद्ध में उपयोग किए जाने वाले हथियारों के लिए रास्ता भी खुलेगा.
गौतम अडानी ने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में समान रूप से क्षमता और खतरे, दोनों हैं. दौड़ पहले से ही जारी है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर सबसे अधिक उद्धृत वैज्ञानिक शोध पत्रों की संख्या में चीन अमेरिका को पीछे छोड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी दौड़ है, जो जल्द ही जटिल हो जाएगी और पहले से जारी सिलिकॉन चिप युद्ध की तरह उलझ जाएगी.