iPhones से हट सकता है चार्जिंग पोर्ट, केवल वायरलेस चार्जिंग का होगा फीचर, जानें पूरा मामला

ऐसा हो सकता है कि आने वाले समय में एप्पल अपने iPhones से चार्जिंग पोर्ट को पूरी तरह हटा दे और यह स्मार्टफोन्स केवल वायरलेस चार्जिंग पर ही काम करें

Update: 2021-09-25 07:43 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Apple ने अपने हर iPhone के साथ कुछ नया करने की कोशिश करता है जिससे उसके यूजर्स को एक अच्छा स्मार्टफोन एक्स्पीरिएन्स मिल सके. अब सुनने में आ रहा है एप्पल शायद कुछ समय में अपने iPhone मॉडल्स से चार्जिंग पोर्ट को पूरी तरह से हटा सकता है. आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और अगर चार्जिंग पोर्ट हट जाता है तो क्या होगा..

Apple क्यों उठा सकता है यह कदम

यूरोपियन कमिशन ने अपने सांसद के आगे एक प्रस्ताव रखा है जिसमें यह कहा है कि हर स्मार्टफोन ब्रांड और इलेक्ट्रॉनिक आइटमों की निर्माता कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स ऐसे लॉन्च करने चाहिए कि सब एक ही चार्जिंग पोर्ट से चार्ज हो सकें, यानी सारे प्रोडक्ट्स एक कॉमन चार्जिंग पोर्ट के साथ लॉन्च किए जाएं. प्रस्ताव के मुताबिक सभी डिवाइसेज में चार्जिंग के लिए यूएसबी टाइप-सी पोर्ट होना चाहिए.

एप्पल के पास हैं ये ऑप्शन्स

इस प्रस्ताव में जिस यूएसबी पोर्ट की बात की गई है, उसे अपने डिवाइस में शामिल करना सभी एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के लिए आसान है. आपले को इस प्रस्ताव को मानने के लिए अपने फ्लैगशिप फोन्स में कुछ बड़े बदलाव करने होंगे. एप्पल को या तो टाइप-सी पोर्ट के साथ अपने iPhones को लॉन्च करना होगा और या फिर चार्जिंग पोर्ट को पूरी तरह से हटाकर सिर्फ वायरलेस चार्जिंग का फीचर रखना होगा.

'द वर्ज' की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपियन कमिशन के एक प्रवक्ता का कहना है कि अगर डिवाइस वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करता है तो यूएसबी टाइप-सी पोर्ट को शामिल करने की कोई जरूरत नहीं है.

एप्पल क्या कर सकता है

एप्पल ने कई साल की मेहनत के बाद पिछले साल iPhone 12 सीरीज के साथ अपनी MagSafe फास्ट चार्जिंग तकनीक को लॉन्च किया था. ऐसे में, यूएसबी टाइप-सी पोर्ट लगाने की जगह एप्पल के लिए पोर्ट को हटाना एक ज्यादा आसान विकल्प होगा. लाइटनिंग पोर्ट्स की कमी में अब एप्पल को बस अपने फोन्स की वायरलेस चार्जिंग स्पीड पर काम करना होगा.

आपको बता दें कि अगर यूरोपियन सांसद इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देता है तो सभी स्मार्टफोन कंपनियों के पास यह बदलाव करने के लिए 24 महीनों का समय होगा. यह कदम के पीछे का कारण पूछा गया तो यह पता चला है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकी स्मार्टफोन यूजर्स चार्जर को रीयूज कर सकें और इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट में भी कमी आए.

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