क्रेडिट रिपोर्ट पर नाम बदलने से लोन लेने में हो सकती है दिक़्क़त

जब आप नाम बदलते हैं तो सबसे पहले सिबिल cibil को इसकी जानकारी देनी चाहिए. इसके लिए आपको सिबिल के नाम ईमेल भेजना होगा और इसमें नए नाम के बारे में जानकारी देनी होगी.

Update: 2021-08-21 17:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कई बार ऐसा होता है कि कस्टमर को किसी कारण वश अपना नाम बदलना होता है. कभी स्पेलिंग में कोई गड़बड़ी आ जाए या शादी के बाद नाम बदलने की नौबत आए तो यह जरूरी हो जाता है. नाम बदलते हैं तो इसका ध्यान रखें कि सभी आधिकारिक दस्तावेजों में इसे सुधरवा दें, बैंक आदि को इसकी जानकारी दे दें, ताकि बाद में कोई दिक्कत न आए. कभी-कभी नाम बदलने का भारी असर आपके क्रेडिट कार्ड से जुड़े सिबिल स्कोर पर भी देखा जाता है.

इस असर से बचना है तो जान लेना चाहिए कि नाम बदलते हैं तो क्या करना चाहिए. सिबिल स्कोर में कमी आती है तो आप लोन की सुविधा से वंचित हो सकते हैं. सिबिल रिपोर्ट में नाम सबसे अहम कड़ी होती है. इसी पर सबकुछ निर्भर करता है. इसके अलावा रीपेमेंट हिस्ट्री, अकाउंट नंबर, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो आदि पर सिबिल स्कोर cibil score निर्भर करता है. इसलिए नाम में जब भी बदलाव करें तो सिबिल स्कोर के बारे में भी जरूर जान लें.

कहां होता है असर

क्रेडिट स्कोर की बदौलत ही किसी व्यक्ति को बैंक आदि से लोन मिलता है. यह लोन तभी मिलेगा जब क्रेडिट रिपोर्ट में नाम सही हो या पहले के नाम से मिलान करे. नाम बदलने पर नाम में अंतर आ जाता है. ऐसे में बैंक या वित्तीय संस्थान लोन देने से मना कर देते हैं. इससे बचने के लिए आपको बैंक के पास वे सभी कागजात जमा कराने होंगे जिससे पता चल सके कि आपका नाम बदल गया है और नए नाम का कोई सबूत देना होगा.

क्रेडिट ब्यूरो को बताएं

जब आप नाम बदलते हैं तो सबसे पहले सिबिल cibil को इसकी जानकारी देनी चाहिए. इसके लिए आपको सिबिल के नाम ईमेल भेजना होगा और इसमें नए नाम के बारे में जानकारी देनी होगी. इसके लिए आपको सिबिल के पोर्टल पर एक शिकायत करनी होगी और नाम बदले जाने के बारे में अपनी बात रखनी होगी. इसके बाद सिबिल आपसे कुछ सबूत मांगेगा. आप उन सबूतों को दे देते हैं तो सिबिल आपके नए नाम को रिकॉर्ड कर लेता है और इसी के हिसाब से बैंक या वित्तीय संस्थानों को जानकारी दे दी जाती है. इसके लिए सिबिल को मौजूदा पूरा नाम, बैंक में दर्ज पूरा नाम, लोन वाले अकाउंट से आधार जुड़ा हो तो आधार का नंबर, नाम बदले जाने का सबूत जैसे कि शादी का सर्टिफिकेट आदि जमा करना होगा.

नाम बदलें तो क्या करें

बैंक और सिबिल से नाम बदले जाने की जानकारी मिल जाए तो उसे अन्य जगहों पर भी देना चाहिए. आपको उन सभी क्रेडिट ब्यूरो में इसकी जानकारी देनी चाहिए क्योंकि बाद में कहीं से भी काम लेने की जरूरत पड़ सकती है. क्रेडिट ब्यूरो को बताना चाहिए कि पुराने नाम की जगह नया नाम जोड़ दिया जाए और आगे से उसी नाम से जाना जाए. फिर उसी के मुताबिक क्रेडिट हिस्ट्री में भी बदलाव होगा. ध्यान रखना होगा कि क्रेडिट ब्यूरो ने आपका आवदेन स्वीकार किया है या नहीं. अगर कर लिया है तो बदले नाम की जांच जरूर कर लें. क्रेडिट ब्यूरो में नया नाम अपडेट होने में 30 दिन तक का वक्स लग सकता है.कई बार ऐसा होता है कि कस्टमर को किसी कारण वश अपना नाम बदलना होता है. कभी स्पेलिंग में कोई गड़बड़ी आ जाए या शादी के बाद नाम बदलने की नौबत आए तो यह जरूरी हो जाता है. नाम बदलते हैं तो इसका ध्यान रखें कि सभी आधिकारिक दस्तावेजों में इसे सुधरवा दें, बैंक आदि को इसकी जानकारी दे दें, ताकि बाद में कोई दिक्कत न आए. कभी-कभी नाम बदलने का भारी असर आपके क्रेडिट कार्ड से जुड़े सिबिल स्कोर पर भी देखा जाता है.

इस असर से बचना है तो जान लेना चाहिए कि नाम बदलते हैं तो क्या करना चाहिए. सिबिल स्कोर में कमी आती है तो आप लोन की सुविधा से वंचित हो सकते हैं. सिबिल रिपोर्ट में नाम सबसे अहम कड़ी होती है. इसी पर सबकुछ निर्भर करता है. इसके अलावा रीपेमेंट हिस्ट्री, अकाउंट नंबर, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो आदि पर सिबिल स्कोर cibil score निर्भर करता है. इसलिए नाम में जब भी बदलाव करें तो सिबिल स्कोर के बारे में भी जरूर जान  

कहां होता है असर

क्रेडिट स्कोर की बदौलत ही किसी व्यक्ति को बैंक आदि से लोन मिलता है. यह लोन तभी मिलेगा जब क्रेडिट रिपोर्ट में नाम सही हो या पहले के नाम से मिलान करे. नाम बदलने पर नाम में अंतर आ जाता है. ऐसे में बैंक या वित्तीय संस्थान लोन देने से मना कर देते हैं. इससे बचने के लिए आपको बैंक के पास वे सभी कागजात जमा कराने होंगे जिससे पता चल सके कि आपका नाम बदल गया है और नए नाम का कोई सबूत देना होगा.

क्रेडिट ब्यूरो को बताएं

जब आप नाम बदलते हैं तो सबसे पहले सिबिल cibil को इसकी जानकारी देनी चाहिए. इसके लिए आपको सिबिल के नाम ईमेल भेजना होगा और इसमें नए नाम के बारे में जानकारी देनी होगी. इसके लिए आपको सिबिल के पोर्टल पर एक शिकायत करनी होगी और नाम बदले जाने के बारे में अपनी बात रखनी होगी. इसके बाद सिबिल आपसे कुछ सबूत मांगेगा. आप उन सबूतों को दे देते हैं तो सिबिल आपके नए नाम को रिकॉर्ड कर लेता है और इसी के हिसाब से बैंक या वित्तीय संस्थानों को जानकारी दे दी जाती है. इसके लिए सिबिल को मौजूदा पूरा नाम, बैंक में दर्ज पूरा नाम, लोन वाले अकाउंट से आधार जुड़ा हो तो आधार का नंबर, नाम बदले जाने का सबूत जैसे कि शादी का सर्टिफिकेट आदि जमा करना होगा.

नाम बदलें तो क्या करें

बैंक और सिबिल से नाम बदले जाने की जानकारी मिल जाए तो उसे अन्य जगहों पर भी देना चाहिए. आपको उन सभी क्रेडिट ब्यूरो में इसकी जानकारी देनी चाहिए क्योंकि बाद में कहीं से भी काम लेने की जरूरत पड़ सकती है. क्रेडिट ब्यूरो को बताना चाहिए कि पुराने नाम की जगह नया नाम जोड़ दिया जाए और आगे से उसी नाम से जाना जाए. फिर उसी के मुताबिक क्रेडिट हिस्ट्री में भी बदलाव होगा. ध्यान रखना होगा कि क्रेडिट ब्यूरो ने आपका आवदेन स्वीकार किया है या नहीं. अगर कर लिया है तो बदले नाम की जांच जरूर कर लें. क्रेडिट ब्यूरो में नया नाम अपडेट होने में 30 दिन तक का वक्स लग सकता है.कई बार ऐसा होता है कि कस्टमर को किसी कारण वश अपना नाम बदलना होता है. कभी स्पेलिंग में कोई गड़बड़ी आ जाए या शादी के बाद नाम बदलने की नौबत आए तो यह जरूरी हो जाता है. नाम बदलते हैं तो इसका ध्यान रखें कि सभी आधिकारिक दस्तावेजों में इसे सुधरवा दें, बैंक आदि को इसकी जानकारी दे दें, ताकि बाद में कोई दिक्कत न आए. कभी-कभी नाम बदलने का भारी असर आपके क्रेडिट कार्ड से जुड़े सिबिल स्कोर पर भी देखा जाता है.

इस असर से बचना है तो जान लेना चाहिए कि नाम बदलते हैं तो क्या करना चाहिए. सिबिल स्कोर में कमी आती है तो आप लोन की सुविधा से वंचित हो सकते हैं. सिबिल रिपोर्ट में नाम सबसे अहम कड़ी होती है. इसी पर सबकुछ निर्भर करता है. इसके अलावा रीपेमेंट हिस्ट्री, अकाउंट नंबर, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो आदि पर सिबिल स्कोर cibil score निर्भर करता है. इसलिए नाम में जब भी बदलाव करें तो सिबिल स्कोर के बारे में भी जरूर जान लें.
कहां होता है असर
क्रेडिट स्कोर की बदौलत ही किसी व्यक्ति को बैंक आदि से लोन मिलता है. यह लोन तभी मिलेगा जब क्रेडिट रिपोर्ट में नाम सही हो या पहले के नाम से मिलान करे. नाम बदलने पर नाम में अंतर आ जाता है. ऐसे में बैंक या वित्तीय संस्थान लोन देने से मना कर देते हैं. इससे बचने के लिए आपको बैंक के पास वे सभी कागजात जमा कराने होंगे जिससे पता चल सके कि आपका नाम बदल गया है और नए नाम का कोई सबूत देना होगा.
क्रेडिट ब्यूरो को बताएं
जब आप नाम बदलते हैं तो सबसे पहले सिबिल cibil को इसकी जानकारी देनी चाहिए. इसके लिए आपको सिबिल के नाम ईमेल भेजना होगा और इसमें नए नाम के बारे में जानकारी देनी होगी. इसके लिए आपको सिबिल के पोर्टल पर एक शिकायत करनी होगी और नाम बदले जाने के बारे में अपनी बात रखनी होगी. इसके बाद सिबिल आपसे कुछ सबूत मांगेगा. आप उन सबूतों को दे देते हैं तो सिबिल आपके नए नाम को रिकॉर्ड कर लेता है और इसी के हिसाब से बैंक या वित्तीय संस्थानों को जानकारी दे दी जाती है. इसके लिए सिबिल को मौजूदा पूरा नाम, बैंक में दर्ज पूरा नाम, लोन वाले अकाउंट से आधार जुड़ा हो तो आधार का नंबर, नाम बदले जाने का सबूत जैसे कि शादी का सर्टिफिकेट आदि जमा करना होगा.
नाम बदलें तो क्या करें
बैंक और सिबिल से नाम बदले जाने की जानकारी मिल जाए तो उसे अन्य जगहों पर भी देना चाहिए. आपको उन सभी क्रेडिट ब्यूरो में इसकी जानकारी देनी चाहिए क्योंकि बाद में कहीं से भी काम लेने की जरूरत पड़ सकती है. क्रेडिट ब्यूरो को बताना चाहिए कि पुराने नाम की जगह नया नाम जोड़ दिया जाए और आगे से उसी नाम से जाना जाए. फिर उसी के मुताबिक क्रेडिट हिस्ट्री में भी बदलाव होगा. ध्यान रखना होगा कि क्रेडिट ब्यूरो ने आपका आवदेन स्वीकार किया है या नहीं. अगर कर लिया है तो बदले नाम की जांच जरूर कर लें. क्रेडिट ब्यूरो में नया नाम अपडेट होने में 30 दिन तक का वक्स लग सकता है.
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