Business बिजनेस: सीबीआईसी ने ऑडिट करने वाले जीएसटी अधिकारियों से उन मामलों Affairs को बोर्ड के पास भेजने को कहा है, जहां उन्हें कर कानून के प्रावधानों की परस्पर विरोधी व्याख्या के मुद्दों का सामना करना पड़ता है। क्षेत्रीय कार्यालयों को दिए निर्देश में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि ऑडिट की प्रक्रिया के दौरान सीजीएसटी ऑडिट प्रधान आयुक्त को ऐसा परिदृश्य देखने को मिल सकता है, जहां करदाता ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून की विशेष व्याख्या के आधार पर प्रचलित व्यापार पद्धति का पालन किया है और कानून की ऐसी एक से अधिक व्याख्याओं के परिणामस्वरूप मुकदमेबाजी हो सकती है। सीबीआईसी ने कहा, "ऐसे मामलों में यह वांछनीय है कि जोनल (प्रधान) मुख्य आयुक्त बोर्ड की संबंधित नीति शाखा यानी जीएसटी नीति या टीआरयू (कर अनुसंधान इकाई) को एक स्व-निहित संदर्भ दें।" उन्होंने कहा कि आयुक्त ऑडिट के समापन से पहले और एकरूपता को बढ़ावा देने तथा मुकदमेबाजी से बचने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने से पहले संदर्भ देंगे। मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि उद्योग को जीएसटी ऑडिट के दौरान महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है इन विसंगतियों के कारण अक्सर परस्पर विरोधी निर्णय सामने आते हैं, जिससे व्यवसायों के लिए मुकदमेबाजी और अनिश्चितता बढ़ जाती है।