सीबीडीटी चेयरमैन: वित्त-वर्ष 2022 में कर संग्रह 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा, 2020 की तुलना में काफी बेहतर
आइटीआर को अपडेट करने के लिए चलाए गए अभियानों के भी बेहतर परिणाम मिले हैं।
वित्त-वर्ष 2022 में इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करने वालों की संख्या में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की चेयरमैन संगीता सिंह ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022 में कुल 7.14 करोड़ आइटीआर दाखिल हुए हैं, जबकि इससे पिछले वित्त-वर्ष में 6.9 करोड़ आइटीआर दाखिल हुए थे।
सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा कि वित्त-वर्ष 2022 में कर संग्रह 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है, जो वित्त-वर्ष 2020 की तुलना में काफी बेहतर है। बीते वित्त-वर्ष में करदाताओं के आधार और रिवाइज्ड रिटर्न दोनों में बढ़ोतरी रही है। उन्होंने कहा कि कर संग्रह में बढ़ोतरी रही है। सामान्य तौर पर अर्थव्यवस्था में तेजी के साथ कर संग्रह में भी बढ़ोतरी होती है।
डिजिटल इंडिया पहल के कारण कर के भुगतान में हुई बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि अगर आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होती है, तो खरीदारी और बिक्री में भी वृद्धि होती है। जब तक अर्थव्यवस्था में वृद्धि नहीं होती है, तब तक कर संग्रह भी नहीं बढ़ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल इंडिया पहल के कारण कर के भुगतान में बढ़ोतरी रही है। कोरोना काल में लोगों ने डिजिटल तरीके से स्वयं ही टैक्स का भुगतान किया है। संभवत: यह लोगों के मन में आ रहे बदलाव का नतीजा है।
बीते वर्षो में डिजिटलाइजेशन के लिए बड़े स्तर पर उठाए गए कदम
सीबीडीटी की चेयरमैन संगीता सिंह ने कहा कि करदाताओं को समय पर कर भुगतान की सूचना देने के लिए चलाए गए जागरुकता अभियानों का भी इसमें सहयोग रहा है। हमने भी बीते वर्षो में डिजिटलाइजेशन के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सीबीडीटी की ओर से भी लोगों को करों के भुगतान के लिए जागरुकता अभियान चलाए हैं। आइटीआर को अपडेट करने के लिए चलाए गए अभियानों के भी बेहतर परिणाम मिले हैं।