फुटबॉल के मैदान में करियर

Update: 2023-07-03 08:32 GMT

दुनिया के महान फुटबॉल खिलाड़ियों क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी की तरह खेलने का जुनून दिल में पालकर छोटी सी उम्र में मैदान में उतरे नौगावां सादात के कक्षा छह के विद्यार्थी अली कियान आबिदी का भविष्य तो ऊपरवाला जाने लेकिन इस होनहार पूत के पांव पालने में ही दिखने लगे हैं. उसने फुटबाल के मैदान में अपने कैरियर की धमाकेदार आरंभ की है.

देश की अंडर 11 टीम का हिस्सा बनकर यूरोप का दिल कहे जाने वाले ऑस्ट्रिया में चल रहे युनाइडेट विद्यालय गेम्स में कियान ने लेफ्ट विंग पोजिशन पर अपने बहुत बढ़िया प्रदर्शन से कोचेज को भी चौका दिया. मेजबान ऑस्ट्रिया के विरूद्ध टाई रहे टीम इण्डिया के पहले मैच में कियान ने जहां कई गोल बचाए तो वहीं दूसरे मैच में केन्या के विरूद्ध टीम को मिली बड़ी जीत में अहम रोल निभाया. टूर्नामेंट में जर्मनी और ऑस्ट्रिया से खेले गए अन्य मैचों में टीम इण्डिया को भले ही हार का सामना करना पड़ा लेकिन ये मुकाबले कांटे के रहे. 20 जून से शुरू हुए युनाइडेट विद्यालय गेम्स दो जुलाई को समाप्त होने हैं.

जड़ें अमरोहा की, तैयारी नोएडा में

अमरोहा के नौगावां सादात निवासी मोहर्रम अली शोहरत के बेटे जकी शोहरत का परिवार एनसीआर में रहता है. यहां परिवार के लोग आईटीआई और एक इंटर कॉलेज का संचालन भी कर रहे हैं. दुबई में रियल इस्टेट का बिजनेस करने वाले जकी के परिवार में पत्नी सहरिश के अतिरिक्त दो बेटे हैं. कियान नोएडा के पाथवेज विद्यालय में कक्षा छह का विद्यार्थी है. फिलहाल, नोएडा की एक एकेडमी में फुटबाल की कोचिंग कर रहा है. स्कूली स्तर पर उसके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए ही उसका टीम में चयन हुआ था.

40 राष्ट्रों के हजारों यूथ एथलीट्स ने किया प्रतिभाग

दुनियाभर के युवाओं के लिए यूनाइटेड गेम्स खेलों में उनकी प्रतिभा को निखारने का एक बड़ा प्लेटफार्म है. यूरोप का गढ़ कहे जाने वाले ऑस्ट्रिया में यूनेस्को के संयोजन में हर वर्ष अंतराष्ट्रीय स्तर इन गेम्स का आयोजन होता है. 40 राष्ट्रों के हजारों युवा करीब 800 टीमों का हिस्सा बनकर इन खेलों में प्रतिभाग करते हैं. प्रतियोगिता में आइस हॉकी, फुटबाल, स्विमिंग, बास्केट बॉल, बीच वॉलीबॉल, बोल्ड्रिंग, फील्ड हॉकी, रग्बी, सॉकर सॉफ्ट बॉल, फ्लोर बॉल और टेनिस समेत 16 तरह के गेम्स खेल जाते हैं.

बचपन का शौक अब बन गया जुनून में

बचपन में कियान के भीतर फुटबॉल का जुनून कब पल गया, स्वयं परिजनों को इसका पता नहीं सका. जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ी मोबाइल हाथ में आया तो उसने फुटबॉल मैच की वीडियो देखकर चुपके-चुपके खेल पर अपनी पकड़ को मजबूत करना प्रारम्भ कर दिया. क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी को अपना स्टार मानकर उसने रफ्ता रफ्ता मैदान में अपने कदम जमाने प्रारम्भ कर दिए.

दुबई में रियल इस्टेट का बिजनेस करने वाले पिता जकी शोहरत बताते हैं कि जिस उम्र में बच्चे मोबाइल गेम्स खेलने के शौकीन होते हैं उस उम्र में कियान केवल पुराने फुटबॉल मैच की वीडियो देखता था. उसमें फुटबाल की नैसर्गिक प्रतिभा है. पूरा परिवार उसके साथ है. खुदा करे वह आगे राष्ट्र का नाम रोशन करे.

Tags:    

Similar News

-->