कार कंपनियों को मिला ग्रीन सिग्नल, अब जल्द खत्म होगा नई गाड़ियों का इंतजार

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Update: 2021-06-20 16:27 GMT

तमिलनाडु में मौजूद कार निर्माताओं को अपनी पूरी क्षमता से काम करने की हरी झंडी मिल गई है. राज्य, जिसे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग केंद्र के रूप में जाना जाता है, महामारी के कारण ये सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से एक था. इसने निर्यात प्रतिबद्धताओं के साथ इंडस्ट्रीयल एक्टिविटी को 100% क्षमता पर संचालन फिर से शुरू करने की अनुमति दी है. राज्य के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अहम स्टेकहोल्डर्स में से एक होने के नाते ऑटो निर्माताओं को भी 100% क्षमता उपयोग फिर से शुरू करने के लिए हरी झंडी मिल गई है.


इसके साथ रेनॉ-निसान, हुंडई और फोर्ड जैसे कार ब्रांड महामारी के दौरान सुरक्षा को लेकर कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद अपनी पूरी क्षमता से काम करने के लिए स्वतंत्र हैं. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स से कहा कि कोई भी कंपनी जो निर्यात उद्योगों को निर्यात या आपूर्ति करती है, उसे पूरी क्षमता से काम करने की अनुमति दी जाएगी क्योंकि राज्य में कोविड -19 पॉजिटिव मामले कम हो चुके हैं.


वर्कर्स कर रहे हैं विरोध
तमिलनाडु में नए पॉजिटिव मामले इस साल मई में एक दिन में 30,000 से कम होकर लगभग 8,000 हो गए हैं. हालांकि, तमिलनाडु में अभी भी देश के सभी मामलों का सातवां हिस्सा है. रेनॉ -निसान के कर्मचारियों ने पिछले महीने मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया और महामारी के दौरान वर्कर्स की सुरक्षा के लिए संचालन रोकने की अपील की.

कार निर्माताओं के लिए वर्कर्स संघों ने विरोध पत्र लिखा है, जिसमें तर्क दिया गया है कि चेन्नई में सैकड़ों वर्कर्स कोविड -19 से बीमार पड़ गए हैं और कई की मृत्यु हो गई है. वर्कर्स के आंदोलन और हड़ताल के कारण, रेनॉ-निसान को राज्य में परिचालन बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा. फोर्ड और हुंडई ने भी मई में अपनी विनिर्माण सुविधाओं पर काम रोक दिया था. उस अपील का जवाब देते हुए, मद्रास उच्च न्यायालय ने जून 2021 में उद्योग सुरक्षा अधिकारियों को इस क्षेत्र के लिए समान सुरक्षा दिशानिर्देश विकसित करने के लिए राज्य में कार निर्माता प्लांट्स का दौरा करने का काम सौंपा.


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