दिल्ली: मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज या गौतम अडानी समूह या टाटा समूह जैसी कंपनियां चाह कर भी IDBI बैंक में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकती हैं। सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि IDBI बैंक की बोली प्रक्रिया में कोई बड़ी कंपनी शामिल नहीं हो सकती है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रुचि पत्र दाखिल करने के लिए बनाए जाने वाले गठजोड़ में कोई बड़ी कंपनी अल्पांश शेयरधारक होने के लिए भी दावेदारी नहीं कर सकती है। बड़ी कंपनियों को इस प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है।
वजह क्या है: इस पाबंदी की वजह यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने किसी भी औद्योगिक घराने को बैंक का प्रवर्तक बनने पर रोक लगाई हुई है। आरबीआई दिशानिर्देशों के मुताबिक, कोई औद्योगिक कंपनी निजी क्षेत्र के बैंक में अधिकतम 10 प्रतिशत तक हिस्सेदारी ले सकती है लेकिन वह प्रवर्तक नहीं बन सकती।
IDBI बैंक की हो रही बिक्री: सरकार और एलआईसी दोनों मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं। इसके लिए इच्छुक बोलीकर्ताओं से रुचि पत्र दाखिल करने को कहा गया है। लेकिन इस प्रक्रिया में बड़ी कंपनियों को शामिल होने से रोक दिया गया है। निविदा दस्तावेजों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक एसेट वाली कंपनी को बड़े औद्योगिक घराने के रूप में परिभाषित किया गया है।
16 दिसंबर तक मौका: आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी खरीद के लिए बोली को लेकर दिलचस्पी 16 दिसंबर तक जताई जा सकती है। रुचि पत्र या ईओई मिलने के बाद आरबीआई आवेदकों का आकलन करेगा और गृह मंत्रालय सुरक्षा मंजूरी जारी करेगा। उसके बाद ही पात्र बोलीकर्ता अपनी वित्तीय बोलियां जमा कर पाएंगे।