Business: UPI ने दुनियाभर में भारत को दी अलग पहचान
देश में शुरू हुई डिजिटल पेमेंट क्रान्ति
बिज़नेस: आज के समय में अगर हम घर से निकलते समय अपना बटुआ घर पर ही छोड़ देते हैं तो भी हमें चिंता नहीं होती, क्योंकि हम जानते हैं कि स्मार्टफोन अब हमारा बटुआ बन चुका है। मौजूदा समय में पेमेंट के लिए कैश के साथ-साथ UPI Payment भी एक बहुत अच्छा विकल्प बन गया है। आप UPI की मदद से प्रतिदिन 5 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक का पेमेंट कर सकते हैं। और सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए आपको कोई चार्ज भी नहीं देना पड़ता है। जहां साल 2016 से पहले खुले पैसे के लिए टेंशन होती थी, वहीं अब ऐसा नहीं है। UPI 1 रुपये तक के पेमेंट के लिए उपलब्ध है।
जब भी ऑनलाइन पेमेंट की बात होती है तो यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का जिक्र जरूर होता है। साल 2016 से पहले UPI एक अनजान शब्द था। आज दुनिया के कई देशों में इसका डंका बज रहा है। अब कई देशों में हम बिना कैश का आदान-प्रदान किए UPI के जरिए आसानी से ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। UPI वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान बन चुका है। इसने वित्तीय ट्रांजैक्शन को पूरी तरह से बदल दिया है और डिजिटल पेमेंट में एक नए युग की शुरुआत की है। पहले एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने में काफी समय लगता था। वहीं, अब चंद मिनटों में आसानी से पेमेंट हो जाता है। UPI ने लेन-देन को काफी हद तक आसान और सुरक्षित बना दिया है। एक निवेशक के तौर पर UPI की अहमियत और भी बढ़ जाती है। UPI ने भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है, जिससे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल संभव हो पाया है। इससे व्यापार और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है और छोटे कारोबारियों को भी इससे काफी फायदा हुआ है। UPI ने कालेधन और नकदी के इस्तेमाल को भी कम किया है, जिससे पारदर्शिता और आर्थिक स्थिरता में सुधार हुआ है।
UPI के बारे में: हालांकि UPI की शुरुआत 2016 में हुई थी, लेकिन कोरोना महामारी के बाद इसे पहचान मिली। 2021 में UPI की बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हुई है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2016-2017 में 36 फीसदी भुगतान UPI के जरिए किए गए थे। वहीं, 2021 तक UPI भुगतान दर 63 फीसदी तक पहुंच गई। इससे साफ पता चलता है कि 5 साल में UPI ने लोगों के बीच अपनी पहचान बना ली है। UPI की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी बैंक अकाउंट को एक ही प्लेटफॉर्म पर लिंक करके काम करता है। इसके जरिए आप मोबाइल नंबर या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का इस्तेमाल करके तुरंत पैसे ट्रांसफर या रिसीव कर सकते हैं। आज छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े कारोबारी भी UPI के जरिए लेन-देन करना पसंद करते हैं। UPI ने डिजिटल लेन-देन को एक नया आयाम दिया है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में UPI की भूमिका: UPI ने भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर किया है। आज करोड़ों लोग UPI का इस्तेमाल करके अपने स्मार्टफोन से बिना किसी बैंक शाखा में जाए पेमेंट कर रहे हैं। UPI ने डिजिटल पेमेंट को इतना सरल और सुलभ बना दिया है कि इसे न केवल शहरों में बल्कि गांवों में भी बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है।UPI ने वैश्विक स्तर पर भी भारत को एक नई पहचान दिलाई है। दुनिया भर के देश अब UPI मॉडल को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक और NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) की इस पहल ने भारत को डिजिटल लेन-देन में अग्रणी देश के रूप में स्थापित किया है। आज के समय में UPI न केवल भारत की आर्थिक व्यवस्था का अहम हिस्सा है, बल्कि यह देश की प्रगति और विकास का प्रतीक भी बन गया है। UPI का विकास भारत के वित्तीय और डिजिटल भविष्य में बहुत बड़ा योगदान देने वाला है। यह न केवल एक वित्तीय साधन है, बल्कि भारत की नई पहचान का प्रतीक भी है, जो देश को डिजिटल युग में नई दिशा में ले जा रहा है।