Business : मिलिए रूस की सबसे अमीर महिला, मुकेश अंबानी-अडानी से नहीं कोई मुकाबला

Update: 2024-06-28 11:06 GMT
Business : कभी अंग्रेजी की शिक्षिका रहीं तात्याना बाकलचुक ने मातृत्व अवकाश के दौरान घर का खर्च चलाने के लिए 32000 रुपये लगाकर ई-कॉमर्स व्यवसाय शुरू किया। वाइल्डबेरीज के पास कपड़े, Electronicsऔर घरेलू सामान समेत 60000 से अधिक ब्रांड के सामान हैं। रूसी ई-कॉमर्स रिटेलर वाइल्डबेरीज की संस्थापक तात्याना बाकलचुक रूस की सबसे अमीर सेल्फ मेड बिजनेसवुमन बन गई हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के अनुसार, उनकी अनुमानित कुल संपत्ति 7.4 बिलियन डॉलर यानी 61000 करोड़ रुपये (लगभग) से अधिक है। वाइल्डबेरीज को रूस का 'अमेजन' कहा जाता है। हाल ही में राष्ट्रपति पुतिन ने तात्याना को अंतरराष्ट्रीय भुगतान नेटवर्क स्विफ्ट से मुकाबला करने के लिए एक सिस्टम बनाने की जिम्मेदारी दी है।
वाइल्डबेरीज के पास कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू सामान समेत 60000 से अधिक ब्रांड के सामान हैं। कभी अंग्रेजी की शिक्षिका रहीं तात्याना बाकलचुक ने मातृत्व अवकाश के दौरान घर का खर्च चलाने के लिए 32000 रुपए लगाकर ई-कॉमर्स का कारोबार शुरू किया। आज उनकी कंपनी से 48000 कर्मचारी जुड़े हुए हैं। वाइल्डबेरीज में उनकी 99% हिस्सेदारी है और उनके पति की 1% हिस्सेदारी है। साल 2023 में वाइल्डबेरीज को 50000 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला। रूस के अलावा यह कंपनी जर्मनी, इटली और फ्रांस समेत आधा दर्जन देशों में कारोबार कर रही है। तात्याना बाकलचुक ने अपना 
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सफर 2004 में शुरू किया था। उन्होंने अपने 7वें बच्चे के जन्म के लिए मातृत्व अवकाश लिया था। अपने आईटी प्रोफेशनल पति की कमाई से 6 बच्चों का पालन-पोषण करना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में तात्याना ने 32,000 रुपए का निवेश किया और अपने पति व्लादिस्लाव बाकलचुक और उनके दोस्त की मदद से अपने फ्लैट से ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म की नींव रखी।
शुरुआत में उन्होंने जर्मन रिटेल कंपनी ओटो के लिए कपड़े बेचे। वह कपड़ों की तस्वीरें खींचकर अपनी वेबसाइट पर अपलोड करती थी। सामान खरीदने से लेकर उसे डिलीवर करने तक का सारा काम वह खुद ही करती थी। तात्याना ने ऑर्डर बस और मेट्रो से डिलीवर किए। रूस की सबसे अमीर सेल्फ मेड महिला होने के बावजूद तात्याना लो प्रोफाइल रहती हैं। उनके पास अपना घर भी नहीं है और वह किराए के घर में रहती हैं। तात्याना की सफलता का राज है जोखिम लेने की उनकी आदत। उन्होंने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए कई बार बड़े जोखिम उठाए। 2008 में मंदी के कारण एडिडास के 9 लाख रुपये के कपड़े और जूते बिना बिके रह गए। तात्याना ने उन्हें उधार में खरीदा और अगले दो साल तक बेचा। 2020 में महामारी के दौरान उन्होंने 12000 नए कर्मचारी रखे ताकि वह लोगों के घर पर तुरंत सामान पहुंचा सकें और अपना कारोबार बढ़ा सकें

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