Business: सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान के जरिए अपने लिए नियमित आय का इंतजाम करे
इस स्कीम में होगी छप्परफाड़ कमाई
बिज़नेस: एनपीएस एक सरकारी योजना है जिसके जरिए आप बुढ़ापे में अपने लिए एकमुश्त रकम और पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं। लेकिन अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं या रिटायर हो चुके हैं और अब आपके पास एनपीएस का विकल्प नहीं है, तो आप SWP यानी सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान के जरिए अपने लिए नियमित आय का इंतजाम कर सकते हैं। जानिए SWP क्या है और इससे आपकी आय कैसे होती है?
क्या है SWP
SWP एक ऐसा निवेश है जिसके तहत निवेशक को हर महीने म्यूचुअल फंड स्कीम से एक तय रकम मिलती है। निवेशक के पास यह विकल्प होता है कि वह कितने समय में कितना पैसा निकाल सकता है। वह यह रकम मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना, अपनी इच्छानुसार निकाल सकता है। हालांकि, मासिक विकल्प (रेगुलर मंथली इनकम) ज्यादा प्रचलित है।
कब और कैसे शुरू करें
नियमित नकदी प्रवाह की जरूरत के लिए आप कभी भी SWP शुरू कर सकते हैं। अगर आप किसी स्कीम में निवेश कर रहे हैं, तो उसमें SWP विकल्प को एक्टिवेट कर सकते हैं। SWP को एक्टिवेट करने के लिए आपको AMC में एक इंस्ट्रक्शन स्लिप भरनी होगी, जिसमें फोलियो नंबर, निकासी की फ्रीक्वेंसी, पहली निकासी की तारीख, पैसे प्राप्त करने वाले बैंक खाते का उल्लेख होगा।
SWP और SIP में अंतर?
SIP में हर महीने आपके खाते से एक तय रकम कटती है। खाते से कटी रकम म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए जाती है। SWP में तय रकम आपके बैंक खाते में आती है। SWP की रकम आपको म्यूचुअल फंड यूनिट बेचकर मिलती है। अगर फंड में पैसा खत्म हो जाता है तो SWP बंद हो जाएगा।
इस तरह आप 35,000 रुपये तक कमा सकते हैं
अगर आप इन 50 लाख रुपये को SWP के लिए अलग-अलग प्लान में निवेश करते हैं और आपको 8.5 फीसदी का अनुमानित रिटर्न मिलता है, जो सालाना 4.25 लाख रुपये होगा। ऐसे में अगर आप हर महीने इनकम पाना चाहते हैं तो आप 4.25000/12= 35417 रुपये मासिक इनकम के तौर पर ले सकते हैं। आपको यह तय करना होगा कि आप SWP के जरिए मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर कमाई करना चाहते हैं और उसके हिसाब से विकल्प चुनें।
SWP के फायदे
निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से रकम चुन सकते हैं। बाजार में निवेश बनाए रखने से अच्छे रिटर्न की उम्मीद रहती है। महंगाई को मात देने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। यह बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल सकता है।
SWP में ये सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है
कभी भी इक्विटी म्यूचुअल फंड के साथ SWP न चलाएं। बाजार में गिरावट आने पर आपका फंड प्रभावित होता है। ऐसे में तय रकम के लिए ज्यादा यूनिट बेचनी होंगी और इससे पोर्टफोलियो बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा। SWP के लिए डेट/लिक्विड फंड बेहतर विकल्प माने जाते हैं।