बढ़ावा: इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर लोन के ब्याज में मिलेगी 5 प्रतिशत तक छूट
दिल्ली में ई वाहनों की खरीद पर लोन में 5 फीसदी तक छूट दी जाएगी। दिल्ली सरकार ने बुधवार को कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के साथ दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की चुनिन्दा श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर लोन में 5 फीसदी ब्याज सबवेंशन प्रदान करने के लिए समझौता किया है।
दिल्ली में ई वाहनों की खरीद पर लोन में 5 फीसदी तक छूट दी जाएगी। दिल्ली सरकार ने बुधवार को कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के साथ दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की चुनिन्दा श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर लोन में 5 फीसदी ब्याज सबवेंशन प्रदान करने के लिए समझौता किया है। इस समझौते के साथ ही दिल्ली सरकार ईवी की खरीद के लिए इजी फाइनेंसिंग के साथ ही ब्याज सबवेंशन प्रदान करने वाली पहली राज्य सरकार बन गई है। इस समझौते से राष्ट्रीय राजधानी में लिथियम-आयन-आधारित ई-रिक्शा और ई-कार्ट के साथ-साथ इलेक्ट्रिक ऑटो और इलेक्ट्रिक लाइट गुड्स व्हीकल्स को बढ़ावा मिलेगा।
अन्य लाभ के अलावा ये लाभ
दिल्ली सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन ईवी नीति के तहत 30,000 रुपये के खरीद प्रोत्साहन और 7,500 रुपये तक के स्क्रैप प्रोत्साहन के अतिरिक्त है। इस योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक ऑटो और इलेक्ट्रिक लाइट कमर्शियल वाहन खरीददार 25,000 रुपये तक का अतिरिक्त लाभ उठा सकेंगे।
ईवी को बढ़ाव
दिल्ली सरकार अगस्त 2020 में अपनी महत्वाकांक्षी ईवी नीति के आरंभ के बाद से, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने और ईवी को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार काम कर रही है। अक्टूबर 2021 - दिसंबर 2021 के दौरान, इलेक्ट्रिक वाहनों का दिल्ली में कुल वाहन बिक्री में 8 प्रतिशत से अधिक का योगदान था। अगस्त 2020 में दिल्ली ईवी नीति की घोषणा के बाद से 31,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हो चुकी है, लेकिन आकर्षक लोन विकल्प अभी भी एक चुनौती है।
इन बाधाओं को दूर करने और खरीदारों के लिए इसे और अधिक किफायती बनाने के लिए, परिवहन विभाग ने सीईएसएल के साथ भागीदारी की है जो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (सीपीएसयू) के स्वामित्व वाली एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) की सहायक कंपनी है।
इस साझेदारी के तहत, सीईएसएल आकर्षक शर्तों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को ऋण प्रदान करने के लिए एक खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से अनुसूचित बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी), और माइक्रो-फाइनेंसिंग संस्थानों (एमएफआई) जैसे वित्तीय संस्थानों (एफआई) को सूचीबद्ध करेगा।
इस पैनल के माध्यम से, वित्तीय संस्थाएं ऋण अवधि के लिए न्यूनतम 80 प्रतिशत लोन टू वैल्यू (एलटीवी) के साथ अधिकतम 20 प्रतिशत (ब्याज सबवेंशन सहित) की ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करेंगी, जो कि उपभोक्ता के सर्वोत्तम हित में है। उदाहरण के लिए यदि अनिवार्य अधिकतम ब्याज दर 20 फीसदी है, तो सीईएसएल द्वारा सूचीबद्ध वित्तीय संस्थानों (एफआई) से अपेक्षा की जाती है कि वे लोन लेने वालो को 15 फीसदी की दर से अधिक नहीं चार्ज करेंगे।