500 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंची काली मिर्च की कीमतें

करीब चार साल के लंबे समय के बाद काली मिर्च की कीमतें एक बार फिर 500 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई हैं

Update: 2021-11-19 09:25 GMT

करीब चार साल के लंबे समय के बाद काली मिर्च की कीमतें एक बार फिर 500 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुंच गई हैं. जानकारों का कहना है कि इस साल के त्योहारी सीजन और कोरोना प्रतिबंधों में मिली ढील की वजह से काली मिर्च की मांग में बढ़ोतरी हुई, जिसकी वजह से कीमतों को भी रफ्तार हासिल करने में मदद मिली.

जानकारों का कहना है कि इस साल के त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही काली मिर्च के दाम में बढ़ोतरी होना शुरू हो गया था. बीते एक सप्ताह में काली मिर्च की कीमत में करीब 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और ये 511 रुपये प्रति किलो के भाव पर आ गई. व्यापारियों और निर्यातकों को उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में फसल के मौसम तक कीमतें ऊंची ही बनी रहेंगी.
दिसंबर से लेकर मार्च तक होती है फसल की तुड़ाई
बताते चलें कि काली मिर्च की तुड़ाई का मौसम दिसंबर में शुरू हो जाता है जो मार्च तक चलता है. माना जा रहा है कि अगले साल खराब मौसम की वजह से फसल की उपज पर पड़ने वाले असर की खबरों की वजह से भी काली मिर्च के भाव में बढ़ोतरी हो रही है.
एक मसाला कंपनी ने बताया कि कैटरर्स, होटल, और शादी-पार्टी की ओर से काली मिर्च की मांग में काफी तेजी आई है. कंपनी का कहना है कि खासतौर पर हरियाणा, गुजरात और राजस्थान में इसकी डिमांड काफी बढ़ी है.
अंतरराष्ट्रीय बाजारों भारतीय काली मिर्च की कीमत सबसे ऊपर
अन्य काली मिर्च उत्पादक देशों से अलग, भारत में उगाई जाने वाली काली मिर्च की कीमतें काफी हद तक घरेलू मांग से ही निर्धारित होती है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काली मिर्च की कीमतें जून से ही बढ़ रही हैं क्योंकि इसके सबसे बड़े उत्पादक वियतनाम में इसका उत्पादन गिर गया है और चीन ने इसकी खरीद में इजाफा कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वियतनाम, इंडोनेशिया और ब्राजील में काली मिर्च की कीमतें 4300 से 4500 डॉलर प्रति टन हो गई है, जो पिछले साल के मुकाबले तकरीबन दोगुनी है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय काली मिर्च की कोई टक्कर नहीं है. बता दें कि जहां मलेशियाई काली मिर्च 5,200 डॉलर प्रति टन के भाव पर बिक रही है तो भारतीय काली मिर्च की कीमत 6,780 डॉलर प्रति टन है.
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