अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ला रही है IPO, सेबी के पास भेजा आवेदन

इस पेशकश में कंपनी के कर्मचारियों के लिए शेयरों का रिजर्वेशन शामिल है.आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल मुख्य रूप से उधारी चुकाने के लिए किया जाएगा

Update: 2021-08-17 09:20 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कर्ज के बोझ तले दबे देश के अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल अब आईपीओ के जरिए अपनी उधारी चुकाने का प्लान बना रहे हैं. दरअसल अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली कंपनी स्टरलाइट पावर ट्रांसमिशन ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए 1,250 करोड़ रुपए जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास आवेदन किया है.

आईपीओ के लिए दाखिल किए गए मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के अनुसार आईपीओ के तहत कंपनी कुल 1,250 करोड़ रुपए तक के इक्विटी शेयरों की पेशकश करेगी.

उधार चुकाने में होगा राशि का इस्तेमाल

इस पेशकश में कंपनी के कर्मचारियों के लिए शेयरों का रिजर्वेशन शामिल है.आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल मुख्य रूप से उधारी चुकाने के लिए किया जाएगा. कंपनी आईपीओ से पहले 220 करोड़ रुपए के निजी नियोजन पर भी विचार कर सकती है. यदि निजी नियोजन पूरा हो जाता है, तो निर्गम का आकार कम हो जाएगा. स्टरलाइट पावर के प्रवर्तक अग्रवाल और ट्विन स्टार ओवरसीज हैं.

अधिग्रहण पर भी लगी थी रोक

इससे पहले पिछले महीने ही नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कर्ज के बोझ से दबी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के अधिग्रहण के लिए उद्योगपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज की 2,962.02 करोड़ रुपए की बोली पर रोक लगा दी है. एनसीएलएटी के कार्यवाहक चेयरमैन न्यायमूर्ति ए आई एस चीमा की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने इस बरे में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की मुंबई पीठ द्वारा नौ जून को पारित आदेश पर रोक लगा दी.

इनको जारी हुआ था नोटिस

एनसीएलएटी का यह फैसला दो असंतुष्ट लेंडर्स बैंक ऑफ महाराष्ट्र और आईएफसीआई लि. की याचिकाओं पर आया है. अपीलीय न्यायाधिकरण ने लेंडर्स की समिति , वीडियोकॉन के समाधान पेशेवर और सुल समाधान आवेदक ट्विन स्टार को नोटिस जारी किया है. दरअसल अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता की रावा तेल क्षेत्र में 25 फीसदी हिस्सेदरी होने की वजह से उसने वीडियोकोन ग्रुप की कंपनियों में रुचि दिखाई है. इस अधिग्रहण के बाद वेदांता की रावा तेल क्षेत्र में 47.5 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी. इसके साथ वह ओएनजीसी की 40 फीसदी हिस्सेदारी से भी बड़ी हिस्सेदार हो जायेगी. ओएनजीसी की रावा तेल में 40 फीसदी हिस्सेदारी है.

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