सुप्रीम कोर्ट से टाटा सन्स को बड़ी राहत... सायरस मिस्त्री को हटाने के फैसले को सही ठहराया
टाटा सन्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: टाटा सन्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सायरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन पद से हटाने के फैसले को सही ठहराते हुए इस मामले में आए एनसीएलएटी के आदेश को पलट दिया है. इस मामले में सायरस इन्वेस्टमेंट ऐंड स्ट्रिंग इन्वेस्टमेंट के दावे खारिज कर दिया गया. इस मामले में टाटा सन्स और सायरस मिस्त्री दोनों की ओर से जल्दी मामले को निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. गौरतलब है कि टाटा सन्स टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है.
क्या कहा कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टाटा सन्स में सायरस मिस्त्री के परिवार से जुड़े एसपी ग्रुप के शेयरों का वैल्यूएशन टाटा सन्स के अनलिस्टेड शेयरों के आधार पर तय होगी. कोर्ट फिलहाल यह तय नहीं कर सकता कि मिस्त्री को क्या मुआवजा मिलना चाहिए. यह दोनों पक्ष आपस में बैठकर तय कर सकते हैं.कोर्ट ने कहा कि इस बारे में जितने भी सवाल उठे थे, उसका जवाब टाटा समूह के पक्ष में है और एसपी ग्रुप के सभी आवेदनों को खारिज किया जाता है.
रतन टाटा ने जताई खुशी
टाटा सन्स के चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी में कहा, 'माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज किए गए फैसले को लेकर मैं कृतज्ञ हूं और इसकी सराहना करता हूं. यह महज जीत-हार का मसला नहीं है. मेरी सत्यनिष्ठा और समूह के नैतिक आचरण पर लगातार हो रहे हमलों के बाद कोर्ट द्वारा टाटा सन्स के सभी अपील को सही ठहराना उन मूल्यों और सदाचार को मान्यता देता है, जो हमारे समूह के मार्गदर्शक सिद्धांत रहे हैं.'
क्या कहा था एनसीएलएटी ने
टाटा सन्स प्राइवेट लि. और सायरस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लि. ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले के खिलाफ क्रॉस अपील दायर की थी, जिस पर शीर्ष न्यायालय ने फैसला सुनाया.
एनसीएलएटी ने अपने आदेश में 100 अरब डॉलर के टाटा समूह में सायरस मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया था. शीर्ष अदालत के अनुसार मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में फैसला सुनाया.
क्या है मामला
ये मामला पिछले साल 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाने को गलत बताया था. NCLAT ने मिस्त्री को दोबारा चेयरमैन बनाने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ टाटा सन्स सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.
24 अक्टूबर 2016 को टाटा ग्रुप ने सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटा दिया था. उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था. टाटा सन्स का कहना था, मिस्त्री के कामकाज का तरीका टाटा ग्रुप के काम करने के तरीके से मेल नहीं खा रहा था. इसके बाद 12 जनवरी 2017 को एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए गए थे.