त्योहारों से पहले ज्वेलर्स को बड़ी राहत, तीन महीने के लिए Gold Hallmarking के नियम टले

गोल्ड हॉलमार्किंग के अलावा खबर ये भी है कि ज्वेलर्स को हॉलमार्किंग यूनिक आईडी (HUID) के नियमों में भी राहत मिल सकती है

Update: 2021-09-26 07:53 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Gold Hallmarking: अगर आप भी सोने-चांदी का बिजनेस करते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है. त्योहारों से पहले सरकार ने ज्वेलर्स को बड़ी राहत दी है. दरअसल, गोल्ड हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) को लागू करने की डेडलाइन को बढ़ा दिया है. ज्वेलर्स के पास इसके लिए अब 30 नवंबर तक मौका है, जबकि पहले गोल्ड हॉलमार्किंग की डेडलाइन 31 अगस्त को खत्म हो चुकी थी.

HUID नियमों से भी राहत

गोल्ड हॉलमार्किंग के अलावा खबर ये भी है कि ज्वेलर्स को हॉलमार्किंग यूनिक आईडी (HUID) के नियमों में भी राहत मिल सकती है. (HUID) के नियम केवल हॉलमार्किंग सेंटर तक ही लागू होंगे. इसके जरिए ज्वेलर्स और कंज्यूमर्स को ट्रेस नहीं किया जाएगा. ज्वेलर्स इस HUID को लेकर काफी असमंजस में थे. दरअसल, सोने की हॉलमार्किंग को लेकर सबसे बड़ी दिक्कत HUID को लेकर ही थी, क्योंकि एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद डिजाइन में बदलाव करने में HUID को मुश्किल हो रही है. ज्वेलरी में किसी भी तरह का चेंज करने पर दोबारा उसका रजिस्ट्रेशन होगा, और यही सबसे बड़ी परेशानी का सबब है.

इन ज्वेलर्स को मिली है छूट

इस व्यवस्था में कुछ यूनिट्स को अनिवार्य हॉलामार्किंग से छूट मिली है. 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले ज्वेलर्स को जरूरी हॉलमार्किंग से राहत दी गई है. उन इकाइयों को भी छूट दी गई है, जो सरकार की व्यापार नीति के मुताबिक आभूषण का एक्सपोर्ट और फिर इंपोर्ट करते हैं. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के साथ-साथ सरकार की मंजूरी वाले B2B(बिजनेस-टू-बिजनेस) घरेलू प्रदर्शनी के लिए भी इससे छूट होगी.

किसमें जरूरी हॉलमार्किंग

फिलहाल, देश के 256 जिलों में अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम लागू हैं. 18 कैरेट, 22 कैरेटे के साथ अब 20 कैरेट, 23 कैरेट और 24 कैरेट को भी इजाजत मिलेगी. पुराने ज्वेलरी पर नए ज्वेलरी के साथ हॉलमार्क भी लगाना होगा. इसके अलावा घड़ियों, फाउंटेन पेन में इस्तेमाल सोने और कुंदन, पोल्की तथा जड़ाऊ आभूषणों पर जरूरी हॉलमार्किंग से छूट दी है.

अनिवार्य हॉलमार्किंग के नियम 16 जून, 2021 से लागू हैं. इन नियमों को लेकर ज्वेलर्स तैयार नहीं थे और इसके खिलाफ ज्वेलर्स ने हड़ताल भी की थी, जिसमें करीब 350 एसोसिएशन ने हिस्सा लिया था. एसोसिएशन का कहना है कि ये काफी कठिन प्रक्रिया है, जिसे लागू करने में वक्त लगेगा और वो इसके लिए अभी तैयार नहीं है. इससे बड़ी कंपनियों को छोड़कर छोटे मोटे ज्वेलर्स का कारोबार ठप हो जाएगा.

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