CBDT का बड़ा आदेश: अब केवल बड़े अधिकारियों का ही इजाजत से होगा आयकर सर्वे

अब आयकर विभाग के अधिकारी किसी के यहां भी सर्वे बिना उच्चाधिकारियों की इजाजत से नहीं कर पाएंगे.

Update: 2020-10-21 08:32 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अब आयकर विभाग के अधिकारी किसी के यहां भी सर्वे बिना उच्चाधिकारियों की इजाजत से नहीं कर पाएंगे.अब आयकर विभाग के अधिकारी किसी के यहां भी सर्वे बिना उच्चाधिकारियों की इजाजत से नहीं कर पाएंगे.केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके लिए नया आदेश जारी किया है

आदेश के मुताबिक इसके लिए आयकर विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अब प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर या चीफ कमिश्नर स्तर के अधिकारी की मंजूरी के बाद ही किसी प्रतिष्ठान या व्यक्ति के निवास पर सर्वे कर सकेंगे.

क्या है निर्देश

सीबीडीटी ने आयकर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 'सेंट्रल चार्ज, इंटरनेशनल चार्ज और NeAC/NFAC (नेशनल ई-असेसमेंट सेंटर/नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर) के अधिकारियों द्वारा किसी तरह के सर्वे कार्रवाई की यदि जरूरत है (जैसे सर्च/जब्ती आदि) तो इसकी मंजूरी उच्च स्तरीय अधिकारियों के कॉलेजियम से लेनी होगी.'

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, 'द टैक्सेशन ऐंड अदर लॉज रीलैक्सेशन ऐंड अमेंडमेंट ऑफ सर्टेन प्रोविजन्स एक्ट 2020' के अनुरूप सीबीडीटी ने एक आंतरिक आदेश जारी किया है. यह आदेश आयकर अधिनियम की धारा 133ए के तहत टैक्स अधिकारियों के सर्वे के अधिकार के बारे में है.

क्या होता है सर्वे

आयकर सर्वे में टैक्स अधिकारी किसी व्यक्ति के आवास या कारोबारी प्रतिष्ठान में जाकर उसके बहीखातों की जांच करते हैं, इलेक्ट्रॉनिक डेटा और ई-मेल का ब्योरा हासिल करते हैं. यह इस बात का बस अंदाजा लगाने के लिए किया जाता है कि टैक्स के मामले में कोई गड़बड़ तो नहीं की गई है. इस सर्वे का मतलब यह नहीं है कि संबंधित प्रतिष्ठान ने टैक्स की चोरी की है. यह सर्वे अगर ऐसी चोरी का आरोप है या संदेह है तो उसको पुख्ता करने के लिए ही अधिकारी करते हैं.

अंतिम उपाय होना चाहिए

आदेश में कहा गया है कि यह सर्वे सिर्फ सिर्फ जांच विंग या टीडीसी चार्ज के अधिकारियों द्वारा ही किया जा सकेगा और यह अंतिम कदम होगा, जब ​किसी अन्य तरीके से टैक्स का ब्योरा हासिल न हो पाए.

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