बड़ी खबर: सरकारी बैंकों का नहीं होगा मर्जर, सरकार ने संसद में दी जानकारी

वित्त राज्यमंत्री ने आज सदन को बताया कि फिलहाल बैंकों के मर्जर की कोई योजना नहीं है. चालू वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान पहले ही बजट में किया जा चुका है

Update: 2021-08-02 09:07 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वित्त राज्यमंत्री ने आज सदन में कहा कि फिलहाल सरकारी बैंकों के मर्जर की सरकार की कोई योजना नहीं है. इसको लेकर किसी तरह का कोई प्रस्ताव भी दिया गया है. दो बैंकों का निजीकरण किया जाएगा इसकी घोषणा पहले ही बजट 2021 में की जा चुकी है. इसके अलावा वित्त राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि फिलहाल किसान लोन को माफ करने को लेकर भी किसी तरह की योजना नहीं है. किसान लोन में वह लोन भी शामिल है जो SC/ST किसानों बांटा गया है.

1 फरवरी 2021 को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो बैंकों और एक सरकारी इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का ऐलान किया था. सरकार ने चालू वित्त वर्ष यानी 2021-22 के लिए विनिवेश और निजीकरण का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा है. नीति आयोग को निजीकरण के लिए सलेक्शन का काम सौंपा गया है. वर्तमान जानकारी के मुताबिक, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का चयन निजीकरण के लिए किया गया है. हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
मोदी सरकार ने कब-कब किया बैंकों का मर्जर
केंद्र की मोदी सरकार ने दो अलग-अलग चरण में सरकारी बैंकों की हालत में सुधार के लिए bank consolidation की प्रक्रिया अपनाई. 2019 में 10 सरकारी बैंकों का मर्जर किया गया था. इसके तहत छह कमजोर बैंकों का मर्जर चार बड़े बैंकों में किया गया था. पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का मर्जर किया गया. इलाहाबाद बैंक का मर्जर इंडियन बैंक में किया गया. सिंडीकेट बैंक का मर्जर केनरा बैंक में किया गया. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का मर्जर किया गया था.
पहले चरण में SBI में मर्जर
पहले चरण में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पांच एसोसिएट बैंक्स का मर्जर किया गया. इसके अलावा विजया बैंक और देना बैंक का मर्जर बैंक ऑफ बड़ौदा में किया गया था. इस समय देश में सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 12 बैंक हैं.
मर्जर का दिखा असर और 5 साल बैंकों की हुई कमाई
मर्जर का सकारात्मक असर दिखने लगा है. मर्जर के बाद बैंकों की कमाई बढ़ी है. कोरोना महामारी के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पांच साल में पहली बार कमाई की. केवल पंजाब एंड सिंध बैंक और सेंट्रल बैंक को नुकसान झेलना पड़ा. 12 बैंकों की कुल कमाई पिछले वित्त वर्ष 31817 करोड़ रुपए रही. बैड लोन की समस्या धीरे-धीरे कम हो रही है, जिसके कारण बैंकों की हालत में सुधार आ रहा है. वित्त वर्ष 2019-20 में सरकारी बैंकों का कुल नुकसान 26015 करोड़ रहा था.


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