बड़ी खबर! RBI ने शुरू की सुविधा, लोन लेने से लेकर बीमा कराना अब और आसान, जानिए

भारतीय रिजर्व बैंक ने खाता एग्रीगेटर (सहमति प्लेटफॉर्म) सेवा को शुरू कर दिया है। इस सेवा की शुरुआत होने से ग्राहकों को लोन लेने, बीमा कराने या म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए बार-बार केवाईसी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी अब आपके लिए बैंकिंग प्रक्रिया और सरल हो गई है।

Update: 2021-10-10 04:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक ने खाता एग्रीगेटर (सहमति प्लेटफॉर्म) सेवा को शुरू कर दिया है। इस सेवा की शुरुआत होने से ग्राहकों को लोन लेने, बीमा कराने या म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए बार-बार केवाईसी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी अब आपके लिए बैंकिंग प्रक्रिया और सरल हो गई है।

सरल शब्दों में कहे तो खाता एग्रीगेटर आपके सभी वित्तीय ब्योरों को एक जगह से जुटा लेने का कॉमन प्लेटफॉर्म है। इस सेवा के फायदे को आप ऐसे समझ सकते हैं कि आप बैंक से लोन लेना चाहते हैं या बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए आवेदन जमा करना चाहते हैं। लोन देने या पॉलिसी जारी करने से पहले बैंक या बीमा कंपनी वित्तीय जानकारी देने को कहते हैं। इनमें बैंक खाता का डेटा, वेतन की जानकारी, दावे का रिकॉर्ड आदि शामिल होते हैं। आज अलग-अलग स्रोतों से आप यह जानकारी फिजकली जुटाते हैं। खाता एग्रीगेटर सहमति में लॉग-इन करते ही सभी जानकारी एक जगह से ली जा सकेंगी। आपकी सारी जानकारी पहले से यहां मौजूद होगी। इस तरह पूरी प्रक्रिया कम समय में और आसानी से पूरी हो जाएगी। इसमें डेटा चोरी की संभवना बहुत कम होगी कि खाता एग्रीगेटर से आपकी सहमति के बिना कोई डेटा नहीं ले पाएगा।
ग्राहकों की रजामंदी जरूरी होगी
देश के आठ प्रमुख बैंक भारतीय स्टेट बैंक, आइसीआइसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, आइडीएफसी फर्स्ट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक व फेडरल बैंक ने खाता एग्रीगेटर नेटवर्क के साथ ग्राहकों के डेटा को साझा करने की योजना बनाई है। इससे बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को नए ग्राहक पाने में भी मदद मिलेगी। हालांकि ग्राहकों का डेटा साझा करने के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान को उनकी रजामंदी लेनी होगी।
सुरक्षित होगा डेटा साझा करना
डिजिटल होती दुनिया में सबसे बड़ी चिंता डेटा की सुरक्षा की है। डेटा एग्रीगेटर में आपको डेटा सुरक्षा पूरी तरह से मिलेगी। आरबीआई ने इसके लिए कड़े डेटा प्राइवेसी गाइडलाइन तैयार किए हैं। वहीं, खाता एग्रीगेटर के साथ बैंक जो डेटा शेयर करेंगे वो पूरी तरह से इंक्रिप्टेड होगा, यानी इसमें कोई सेंधमारी नहीं हो सकेगी।


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