बड़ी खबर! Sebi के पास जमा करेगी LIC अगले महीने IPO ड्राफ्ट पेपर, जानिए
LIC IPO: वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के एक अधिकारी ने कहा कि देश के इतिहास में सबसे बड़े आईपीओ के लिए LIC नवंबर तक सेबी (Sebi) के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल कर सकती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) इनिशियल पब्लिक ऑफररिंग (IPO) के लिए अगले महीने ड्राफ्ट पेपर जमा कर सकती है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के एक अधिकारी ने कहा कि देश के इतिहास में सबसे बड़े आईपीओ के लिए LIC नवंबर तक सेबी (Sebi) के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल कर सकती है. अधिकारी ने कहा, हमारा लक्ष्य इस वित्त वर्ष में आईपीओ (IPO) लाने का है और हमने सख्त समयसीमा तय की है. डीआरएचपी (DRHP) नवंबर तक दाखिल की जाएगी.
सरकार ने पिछले महीने देश के सबसे बड़े बीमाकर्ता एलआईसी की मेगा आईपीओ पेशकश का मैनेज करने के लिए गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड (Goldman Sachs (India) Securities Pvt Ltd), सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Citigroup Global Markets India Pvt Ltd ) और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (Nomura Financial Advisory and Securities (India) Pvt Ltd) सहित 10 मर्चेंट बैंकरों को नियुक्त किया था.
अन्य चयनित बैंकरों में एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमिटेड ( SBI Capital Market Ltd), जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड (JM Financial Ltd), एक्सिस कैपिटल लिमिटेड (Axis Capital Ltd), बोफा सिक्योरिटीज (BofA Securities), जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (J P Morgan India Pvt Ltd), आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड (ICICI Securities Ltd) और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड (Kotak Mahindra Capital Co Ltd) शामिल हैं.
सिरिल अमरचंद मंगलदास को चुना कानूनी सलाहकार
अधिकारी ने कहा, एक बार ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल हो जाने के बाद मर्चेंट बैंकर जनवरी तक निवेशकों के लिए वैश्विक और घरेलू रोड शो आयोजित करेंगे. सिरिल अमरचंद मंगलदास को आईपीओ का कानूनी सलाहकार नियुक्त किया गया है.
मार्च तक हो जाएगी लिस्ट
सरकार मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के भीतर बीमा कंपनी को सूचीबद्ध करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय जीवन बीमाकर्ता के एम्बेडेड वाल्यू का आकलन करने की प्रक्रिया में है और एक बार ऐसा हो जाने के बाद विनिवेश पर मंत्रिस्तरीय पैनल सरकारी हिस्सेदारी पर फैसला करेगा जिसे आईपीओ के माध्यम से विनिवेश किया जाएगा.
सरकार ने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश से पहले एलआईसी के एम्बेडेड मूल्य की मूल्यांकन के लिए एक्चूरियल फर्म मिलिमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया (Milliman Advisors LLP India) को नियुक्त किया है.